अगरबत्ती उद्योग शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रोजगार का एक सफल माध्यम बन सकता है, क्योंकि अगरबत्ती बनाने के दौरान कई ऐसे सामान हैं, जो सीधे कृषि से जुड़ी हुई हैं. इसमें फूल, लेमन ग्रास, चारकोल, लकड़ी का बुरादा, बांस, सहित अन्य तरह के सामान शामिल हैं, जो अगरबत्ती का कच्चा माल तैयार करने में उपयोग की जाती हैं. अगरबत्ती का उद्योग भारत में काफी तेजी से फल-फूल रहा है. इसकी मुख्य वजह ये है कि देश में सभी धर्म के लोग रहते हैं. जिसकी वजह से देश में पूरे साल कोई ना कोई त्यौहार होता है. इस दौरान लोग पूजा पाठ में फूल, माला, फल आदि के साथ अगरबत्ती का उपयोग करते हैं. इसी के चलते अगरबत्ती का उद्योग काफी तेजी से रोजगार का एक सफल माध्यम बन रहा है. भारत अगरबत्ती का व्यापार करने वाला सबसे बड़ा देश माना जाता है.
पिछले 7 सालों से इस उद्योग से जुड़े गया जिले के मो. मुज़म्मिल हुसैन कहते हैं कि अगरबत्ती का इस्तेमाल पूजा पाठ के अलावा लोग खुशबू के लिए भी करते हैं. अलग-अलग तरह के फूलों से जुड़ी सुगंध के लिए विभिन्न तरह के फूलों के रस सहित उसके पाउडर का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही बांस का उपयोग होता है. यह सभी खेत में उगाए जाते हैं. जो किसानों के लिए फायदे का सौदा है. अगर किसान थोड़ी लागत से स्वयं या समूह के जरिए उद्योग करते हैं, तो वे कच्चा माल बाहर से खरीदने की जगह खुद भी बना सकते हैं. आज हम आपको अगरबत्ती उद्योग से कैसे अच्छी कमाई कर सकते हैं, इसे शुरू करने के दौरान किन मशीनों की जरूरत होती है. यह सभी जानकारी आपको देने वाले हैं.
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मो. मुज़म्मिल हुसैन किसान तक के साथ पूरी जानकारी शेयर करते हुए कहते हैं कि वैसे अगरबत्ती उद्योग ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए ही है. लेकिन इस व्यवसाय को किसान भी आसानी से कर सकते हैं. वे कहते हैं कि अगर कोई किसान फूल की खेती करता है, इसके साथ ही वह इस उद्योग से जुड़ता है, तो वह फूल बेचकर कमाई तो कर ही सकता है, इसके साथ ही सूखे फूलों से पाउडर और बांस से स्टिक तैयार करके अगरबत्ती बनाने के दौरान उपयोग कर सकते हैं. ग्रामीण क्षेत्र की महिला घर बैठे आसानी से अगरबत्ती बनाकर खुद बेच सकती हैं. वे कंपनियों को सीधे अपने प्रोडक्ट दे सकती हैं. प्रति किलो अगरबत्ती तैयार होने पर 5 रुपये तक कंपनी देती है. यह राशि ज्यादा या कम भी हो सकती है. वहीं राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार लघु उद्योग शुरू करने के लिए सरकारी मदद भी कर रही हैं.
अगर कोई किसान अगरबत्ती बनाने का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो वे इसे छोटे स्तर पर शुरू कर सकते हैं. इसका फायदा ये है कि किसान को बहुत ज्यादा पैसे निवेश करने की आवश्यकता नहीं होगी. इस व्यापार को घर से भी शुरू कर सकते हैं. घर से अगरबत्ती मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस शुरू करने पर आपको लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. जिसमें आपके काफी पैसे बचेंगे. साथ ही घर की महिला भी अपने सभी काम करते हुए ये काम आसानी से कर सकती हैं. बस आपको रॉ मटेरियल यानी कच्चा माल खरीदना होगा. जिसमें आपको बहुत ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने होंगे. बड़े पैमाने पर ये उद्योग शुरू करने पर 6 से 7 लाख तक का खर्च आ सकता है. इसके साथ ही किसान को कच्चा माल, कर्मचारी, जगह, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस, मशीन आदि सभी चीजों की आवश्यकता पड़ेगी. जिसमें अच्छी खासी रकम का निवेश करना होगा.
मो. मुज़म्मिल हुसैन कहते हैं कि ऑटोमैटिक अगरबत्ती बनाने वाली मशीन 75 हजार रुपये से शुरू होती है. इस मशीन के साथ अन्य मशीनों की जरूरत होती है. जिसमें मुख्य रूप से अगरबत्ती पाउडर मशीन, ड्रायर मशीन, पैकिंग मशीन शामिल हैं. वहीं एक घंटा में एक मशीन न्यूनतम 15 किलो तक अगरबत्ती तैयार करती है. एक अनुमान के अनुसार सभी खर्च काटकर एक क्विंटल अगरबत्ती तैयार होने के दौरान एक हजार रुपये तक की कमाई होती है.