संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हाल ही में एक संकल्प अपनाया और वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया. संकल्प का उद्देश्य मिलेट्स के स्वास्थ्य लाभों और जलवायु परिवर्तन जैसे कठिन परिस्थितियों में भी खेती के लिए उसकी उपयुक्तता के बारे में जन जागरूकता को बढ़ाना है. वही कृषि और कल्याण मंत्रालय की निगरानी में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स 2023 समारोह आयोजित किया जा रहा है.
भारत सरकार ऐसे अलग-अलग अभियानों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस विषय को मजबूत तरीके से लोकप्रिय बनाने में जुटा हुआ है. इस महत्वपूर्ण मौके पर मिलेट्स ईयर को मनाने के लिए क्विज का आयोजन किया जा रहा है. इस क्विज प्रतियोगिता से सभी लोग शामिल हो सकते हैं. इस क्विज प्रतियोगिता में लोगों को मिलेट्स से जुड़े सवालों का जवाब देना होगा. इसमें जीतने वाले प्रतिभागी को इनाम भी दिया जाएगा. इस मेगा फूड इवेंट को लेकर लोग काफी उत्साहित दिख रहे हैं और सरकार इस इवेंट के जरिए लोगों के बीच में मिलेट्स को बढ़ावा देने का भी काम कर रही है.
1. क्विज का आयोजन कृषि और कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है.
2. इस क्विज प्रतियोगिता में दुनिया भर के लोग भाग ले सकते हैं.
3. इस प्रतियोगिता में प्रश्नोत्तरी की समय सीमा 5 मिनट (300 सेकंड) होगी. 5 मिनट में 10 प्रश्नों के जवाब देने होंगे.
4. इस प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है.
5. इसमें सारे प्रश्न बाजरा और उसके फायदों पर आधारित होगा.
6. जैसे ही प्रतिभागी स्टार्ट क्विज पर क्लिक करेगा. क्विज स्टार्ट हो जाएगी.
7. जो व्यक्ति क्विज में भाग लेना चाहता है उसे अपना नाम, जन्म तिथि, पता, ईमेल और मोबाइल नंबर देना होगा.
8. एक व्यक्ति केवल एक बार ही क्विज में भाग ले सकता है.
9. प्रतिभागी को नकल करने पर क्विज से बाहर निकाल दिया जाएगा.
10. इसमें गलत जवाब देने पर कोई अंक नहीं कटेगा.
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ऐसे आयोजनों से मोटे अनाजों की उपयोगिता और महत्व को बढ़ावा मिलेगा, भारत सरकार का उद्देश्य लोगों को मिलेटस के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है, ताकि देश के हर इलाके के लोग इसे अपनी डाइट में शामिल करें. दुनिया के लगभग 59 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन मोटे अनाज हैं. असल में मोटे अनाजों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं. वहीं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मोटे अनाज अब आम लोगों की जरूरत बनती जा रही है, क्योंकि मोटे अनाजों की खेती करने के लिए ज्यादा पानी और ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है.