Amul Girl: नहीं रहे Sylvester daCunha जिन्होंने 'अमूल गर्ल' को दिलाई खास पहचान

Amul Girl: नहीं रहे Sylvester daCunha जिन्होंने 'अमूल गर्ल' को दिलाई खास पहचान

एडवर्टाइजिंग जार कहे जाने वाले सिल्वेस्टर दा कुन्हा का देहांत हो गया. उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली. दा कुन्हा वही शख्स थे जिन्होंने अटरली बटरली अमूल गर्ल का कैंपेन 1966 में शुरू किया था. दा कुन्हा और डॉ. कुरियन ने मिलकर अमूल गर्ल का कान्सेप्ट लोगों के सामने पेश किया था.

अमूल गर्ल का विज्ञापन बनाने वाले Sylvester daCunha का देहांत हो गया हैअमूल गर्ल का विज्ञापन बनाने वाले Sylvester daCunha का देहांत हो गया है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 22, 2023,
  • Updated Jun 22, 2023, 11:21 AM IST

अमूल की 'अटरली बटरली' गर्ल आपको याद है? आप अमूल डेयरी के प्रोडक्ट भले न खरीदतें हों, लेकिन आपको अमूल की वह लड़की जरूर याद होगी जो सड़क किनारे लगे होर्डिंग और टीवी के विज्ञापनों में छाई रहती है. इस लड़की से जुड़ी एक दुखभरी बात ये है कि उसे लोगों के बीच पहचान दिलाने वाले ऐड गुरु सिल्वेस्टर दा कुन्हा (Sylvester daCunha) नहीं रहे. कुन्हा को विज्ञापन की दुनिया का जार कहा जाता है जिन्होंने 1966 में अमूल गर्ल का अटरली बटरली कैंपेन शुरू किया था. कुन्हा का देहांत बुधवार रात मुंबई में हो गया.

सिल्वेस्टर दा कुन्हा 80 साल के थे. कुन्हा अपने पीछे पत्नी निशा और बेटे राहुल कुन्हा को छोड़ गए हैं. कुन्हा के बड़े भाई गरसॉन दा कुन्हा भी बहुत बड़े एड गुरु थे और उन्हें विज्ञापन की दुनिया का जीनियस माना जाता है. सिल्वेस्टर दा कुन्हा ही वह शख्स थे जिन्होंने आर्ट डायरेक्टर यूस्टेस फर्नांडीस के साथ मिलकर अटरली बटरली गर्ल का कैंपेन शुरू किया था. इन दोनों के साथ अमूल के जनक कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन भी थे. कुरियन ने ही इस विज्ञापन का कांसेप्ट दिया था जिन्हें भारत का मिल्कमैन भी कहा जाता है.

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कैसे बना अमूल गर्ल का विज्ञापन

कहा जाता है कि अमूल के चेयरमैन डॉ. कुरियन ने दा कुन्हा और आर्ट डायरेक्टर फर्नांडीस के सामने यह प्रस्ताव रखा कि किसी शरारती बच्ची को अमूल का मैस्कॉट (लोगो) बनाना है. फिर क्या था, सिल्वेस्टर दा कुन्हा, डॉ. कुरियन और यूस्टेस फर्नांडीस की इस कोशिश ने इतिहास के पन्नों में ऐसी इबारत रची कि अमूल का नया जलवा बन गया. अटरली बटरली गर्ल के बारे में दा कुन्हा ने कभी कहा था कि आइडिया कुछ ऐसा था कि अमूल कैंपेन की बच्ची देश के हर रसोई घर और गृहणियों के दिलों पर राज करे. और हुआ भी ऐसा.

अमूल को चलाने वाले फेडरेशन GCMMF या आणंद मिल्क फेडरेशन के चेयरमैन जयेन मेहता ने दा कुन्हा के देहांत की जानकारी दी. मेहता ने कहा, यह दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि एडवर्टाइजिंग लेजेंड और दा कुन्हा एसोसिएट्स के फाउंडर सिल्वेस्टर दा कुन्हा हमारे बीच नहीं रहे. वे 1967 में शुरू हुए अमूल गर्ल कैंपने के जनक थे और दिवंगत गारसन दा कुन्हा के भाई थे. उनकी पत्नी निशा और बेटे राहुल को सांत्वना. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.

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दुनिया में छा गई 'अमूल गर्ल'

अमूल गर्ल के बारे में कहा जाता है कि दुनिया में सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले किसी भी विज्ञापन में इसका नाम शुमार है. अमूल गर्ल की अनोखी खोज सिल्वेस्टर दा कुन्हा की ही थी. अमूल गर्ल का कैंपेन दुनिया में सबसे बड़ा कैंपेन माना जाता है. यह ऐसा विज्ञापन था जिसने पूरी दुनिया में ऐड मार्केट को नई पहचान दी. सड़कों के किनारे लगे होर्डिंग से शुरू हुआ अमूल गर्ल का कैंपेन ओओएच से प्रिंट, टीवी और उसके बाद डिजिटल और सोशल मीडिया पर फैल गया. यह ऐसा कैंपेन था जिसने पीढ़ियों की दीवारें या बंदिशें नहीं देखीं और लोगों के दिल पर राज कर गया. इन सबके पीछे थे 'एडवर्टाइजिंग जार' सिल्वेस्टर दा कुन्हा. आज पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है.

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