केंद्र सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखती है. देश में उपभोक्ताओं के लिए गेहूं की कीमतें स्थिर रहें, इसके लिए सरकार उचित हस्तक्षेप करती है. वर्तमान में थोक मंडियों में गेहूं की कीमतें एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल से काफी ऊपर चल रही हैं. ऐसे में आम उपभोक्ता को इसके लिए और भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है, जो उनके लिए काफी महंगा है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि इसे दाम घटाए जाएंं. इसलिए केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों पर गेहूं के स्टॉक की लिमिट घटा दी है, ताकि इसका अधिक भंडारण होने से कीमतें बढ़े नहीं और महंगाई न बढ़े. केंद्र के इस फैसले के बाद गेहूं की कीमतों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है.
केंद्र ने बयान जारी कर कहा है कि रबी 2024 के दौरान कुल 1132 LMT गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया और देश में गेहूं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. केंद्र सरकार ने समग्र खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन करने और जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों और थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगाई हुई है. केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिशिों के क्रम में 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं स्टॉक लिमिट को संशोधित करने का फैसला लिया है. हालांकि, प्रोसेसर्स की स्टॉक लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सरकार के इस फैसले के बाद ट्रेडर्स और होलसेलर्स सिर्फ 250 मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण कर सकेंगे. इससे पहले यह लिमिट एक हजार मीट्रिक टन थी. इसी तरह रिटेलर्स अपने हर आउटलेट पर सिर्फ 4 मीट्रिक टन गेहूं रख सकेंगे, जो पहले 5 मीट्रिक टन हुआ करती थी.
इसके अलावा बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए यह लिमिट प्रत्येक आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन की गई है, बशर्ते कि उनके सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (4 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो. पहले यह 5 मीट्रिक टन थी और स्टॉ की अधिकतम मात्रा कुल आउटलेट संख्या के 5 गुना थी.
वहीं, प्रोसेसर्स के लिए सरकार ने स्टॉक लिमिट पहले की तरह ही रखी है. वे अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50% से बचे हुए महीनों के गुणांंक जितना स्टॉक रख सकेंगे.
केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर रजिस्ट्रेशन कर हर शुक्रवार को स्टॉक की ताजा स्थिति की जानकारी देनी होगी. अगर कोई संस्था जो पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है या स्टॉक लिमिट का उल्लंघन करती है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, वर्तमान में अगर उपरोक्त संस्थाओं के पास स्टॉक ऊपर बताई गई तय लिमिट से ज्यादा है तो उन्हें नोटिफिकेशन के जारी होने के 15 दिनों के अंदर नई निर्धारित स्टॉक लिमिट तक लाना होगा.