FCI की नीलामी में गेहूं की कीमतें उछलीं, हाथोंहाथ बिक गया 4 लाख टन गेहूं, दाम बढ़ने की क्‍या है वजह?

FCI की नीलामी में गेहूं की कीमतें उछलीं, हाथोंहाथ बिक गया 4 लाख टन गेहूं, दाम बढ़ने की क्‍या है वजह?

हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से गेहूं नीलामी की मात्रा डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन की गई. बावजूद नीलामी में गेहूं लगे हाथों महंगे दामों पर बिक रहा है. बुधवार को नीलामी में लगी बोली की कीमतों में उछाल देखा गया. 4 लाख टन में से 3,99,940 टन गेहूं की हाथोंहाथ बिक्री भी हो गई.

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FCI की नीलामी में गेहूं की कीमतें उछलीं, हाथोंहाथ बिक गया 4 लाख टन गेहूं, दाम बढ़ने की क्‍या है वजह?गेहूं का भाव

केंद्र सरकार के दायरे में आने वाला भारतीय खाद्य निगम (FCI) ओपन मार्केट सेल स्कीम यानी OMSS के तहत ई-नीलामी के जरिए गेहूं और चावल बेचता है, ताकि बाजार में इनकी कीमतों को कंट्रोल किया जा सके. साथ ही खाद्यान्न की उपलब्धता बढ़ाने में भी इसका इस्‍तेमाल किया जाता है. हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से गेहूं नीलामी की मात्रा डेढ़ लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन की गई. बावजूद नीलामी में गेहूं लगे हाथों महंगे दामों पर बिक रहा है. बिजनेसलाइन की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बुधवार को हुई साप्‍ताह‍िक नीलामी की जानकारी देते हुए बताया कि ज्‍यादातर राज्‍यों में गेहूं की कीमतों में उछाल देखा गया है. बुधवार को 4 लाख टन में से 3,99,940 टन गेहूं की बिक्री हुई.

इन वजहों से बढ़ी कीमतें

कहा जा रहा है कि प्रोसेसर्स को ज्‍यादा मात्रा में गेहूं उठान की छूट की वजह से कीमतों में उछाल देखा जा रहा है. इससे पहले 12 फरवरी को 3 लाख टन गेहूं नीलामी में पेश किया गया जिसमें से 2,93,110 टन गेहूं बिक गया. नीलामी में प्रोसेसर्स के लिए अधि‍कतम 150 टन प्रति नीलामी गेहूं खरीदने की लिमिट तय की गई है. लेकिन इस लिमिट को बढ़ाकर अचानक 400 टन कर दिया गया, जिससे मिल मालिकों में हड़कंप मच गया. बुधवार को यूपी में FCI की ई-नीलामी में उच्चतम बोली मूल्य 3,159 रुपये प्रति क्विंटल लगी और न्यूनतम 2,958 रुपये प्रति क्विंटल थी.

नीलामी में आए 168 खरीदारों ने 3,000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्‍यादा की बोली लगाई. वहीं, 30 प्रोसेसर्स ने 3,000 रुपये से कम की बोली लगाई. व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी मार्केट में फैली अफवाह के कारण हो रही है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि प्रमुख गेहूं उत्‍पादक राज्‍यों में खरीद शुरू होने से  सरकार इन जगहों ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत मार्च से गेहूं की नीलामी बंद कर सकती है. वहीं, फरवरी और मार्च के तापमान से गेहूं की नई फसल के दाने के आकार को लेकर भी व्‍यापारी आशंकि‍त हैं.

एमपी में नई फसल की आवक शुरू

बता दें कि मध्‍य प्रदेश के मालवा समेत कुछ क्षेत्रों की मंडियों में कम मात्रा में नई फसल की आवक शुरू हो गई है. एगमार्कनेट की वेबसाइट के मुताबिक, बीते दिन उज्‍जैन की मंडियों में विभ‍िन्‍न वैरायटी के 342.84 टन गेहूं की आवक हुई और मॉडल कीमत 2911 से 3135 रुपये प्रति क्विंटल तक रहीं. वहीं, रतलाम की मंडियों में नए गेहूं की आवक हुई और मॉडल कीमतें 3090-3600 रुपये प्रति क्विंटल रही. दिनभर में 1101.63 टन गेहूं की आवक हुई.

वहीं, छिंदवाड़ा की मंडियों में भी अब नया गेहूं पहुंच रहा है. वहां करीब 130 टन गेहूं की आवक हुई और मॉडल कीमतें 3031 से 3199 रुपये प्रति क्विंटल रहीं. आई-ग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने बिजनेसलाइन को बताया कि मंडियों में नई फसल अभी कम मात्रा में आई है, जिससे सामान्य किस्म के लिए औसत कीमतें 3,000-3,300 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं और सप्‍लाई की कमी के कारण कीमतें बढ़ रही है. ऐसे में कई मिलर्स अपने प्रोसेस‍िंग यूनिट को चलाने के लिए पूरी तरह से सरकारी नीलामी पर निर्भर हैं.

बुधवार को कहां-कितनी नीलामी और बोली लगी

पंजाब - 62,000 टन 
उत्तर प्रदेश - 58,000 टन 
हरियाणा - 36,000 टन 
राजस्थान - 33,500 टन 
मध्य प्रदेश - 25,000 टन
बिहार - 24,000 टन
पश्चिम बंगाल - 23,950 टन

कर्नाटक में 11,000 टन गेहूं 3,019 रुपये/क्विंटल के भाव से बिका. राजस्थान में 3,029 रुपये/क्विंटल बोली लगी. पश्चिम बंगाल में 2,835 रुपये प्रति क्विंटल, बिहार में 2,803 रुपये प्रति क्विंटल, हरियाणा में 3,335 रुपये प्रति क्विंटल, दिल्ली में 2,871 रुपये प्रत‍ि क्विंटल और पंजाब में 2,610 रुपये प्रति क्विंटल बोली लगी. 

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