देशभर की थोक मंडियों में दालों की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. मूंग दाल को छोड़कर अधिकतर दालों की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रही हैं. पिछले तीन साल में विभिन्न दालों की कीमतें 24 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक बढ़ी है. यह तुलना 12 जनवरी 2025 से शुरू सप्ताह और 12 जनवरी 2022 से शुरुआती सप्ताह के बीच की गई है. वर्तमान में चना दाल (Gram) का भाव 6680 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि एमएसपी 5440 रुपये है. मसूर (Lentil) का भाव 6883 रुपये प्रति क्विंटल और एमएसपी 6425 रुपये है. इसी प्रकार मूंग का भाव 8146 रुपये चल रहा है, जो एमएसपी 8682 रुपये से कम है.
वहीं, तूर (अरहर) दाल की कीमत एमएसपी 7550 रुपये के मुकाबले 7569 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है. उड़द 7786 रुपये के भाव से बिक रही है और इसका एमएसपी 7400 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है. मसूर दाल को छोड़कर अन्य सभी दालों की कीमतों में पिछले तीन साल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है.
चना दाल की रिटेल बाजार में मॉडल कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, जबकि तूर (अरहर) दाल की मॉडल कीमत 160 रुपये प्रति किलोग्राम है. वहीं, उड़द दाल की मॉडल कीमत 120 रुपये KG, मूंग की 110 रुपये, मसूर की 90 रुपये चल रही है. ये आंकड़े लिए उपभोक्ता मामले विभाग कीवेबसाइट के अनुसार 14 जनवरी 2025 के हैं.
भारत में दलहन फसलों की प्रमुखता से खेती किए जाने के बाद भी खपत के अनुरूप उत्पादन नहीं होता है, इसलिए एक दाल की मांग को पूरा करने के लिए एक बड़ा हिस्सा आयात किया जाता है. अब देश में दाल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए काम किया जा रहा है. इसके लिए उन राज्यों में खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जहां की जलवायु दलहन फसलों के अनुकूल तो है, लेकिन किसान अन्य फसलों की बुवाई करते हैं.
पिछले साल ही केंद्र सरकार ने सरकारी एजेंसी के माध्यम से दक्षिण के कुछ राज्यों में दाल की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का समझौता किया है. इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में भी दलहन उत्पादन को लेकर काम किया जा रहा है, ताकि आयात पर हमारी निर्भरता को कम किया जा सके.