Onion Price: भारत में प्याज के आंसू रो रहा है किसान, पाकिस्तान के प्याज किसानों की बल्ले बल्ले

Onion Price: भारत में प्याज के आंसू रो रहा है किसान, पाकिस्तान के प्याज किसानों की बल्ले बल्ले

नासिक के प्याज एक्सपोर्टर ने नाम न जाहिर करने के शर्त पर कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में स्थानीय प्याज बड़ी मात्रा में बाजार में आ गया है. गुजरात की मंडी में आए प्याज की पूरी नीलामी नहीं होती है. लाल प्याज की सप्लाई मांग से ज्यादा बढ़ गई. फिलहाल खाड़ी देशों में कम कीमत वाला पाकिस्तान और चीन का प्याज जा रहा है. भारत में प्याज का उत्पादन उम्मीद से डेढ़ गुना ज्यादा हुआ. हालांकि निर्यात खुला है, लेकिन 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगने से निर्यात रुका हुआ है.

प्याज के दाम में गिरावटप्याज के दाम में गिरावट
क‍िसान तक
  • Nashik,
  • Dec 25, 2024,
  • Updated Dec 25, 2024, 12:12 PM IST

यह आम बात हो गई है कि किसान की कृषि उपज जब मार्केट में पर्याप्त मात्रा में होती है तो उपज की कीमत न्यूनतम हो जाती है और किसान को नुकसान होता है. प्याज के मामले में यही बात देखी जा रही है. महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह से ठंड बढ़ रही है. महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में प्याज की आवक बढ़ गई है. महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी आय अधिक है. नासिक के लासलगांव, पिंपलगांव बसवंत, उमराना, मनमाड, येवला, अहिल्यानगर, पुणे, सोलापुर, धुले, छत्रपति संभाजीनगर सहित सभी प्रमुख 15 बाजार समितियों और गुजरात, मध्य प्रदेश, दक्षिण कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्यों में लाल प्याज की आवक बढ़ रही है. बड़ी मात्रा में आवक हो रही है. इस वजह से घरेलू मांग की तुलना में प्याज की आपूर्ति अधिक है और प्याज की कीमत गिर रही है.

सिर्फ नासिक जिले की बात करें तो यहां के विंचुर, निफाड सहित लासलगांव कृषि उपज मंडी में एक दिन में 45 से 50 हजार क्विंटल प्याज की आवक हो रही है. 10 से 23 दिसंबर तक 13 दिनों में प्याज की कीमत में औसतन करीब 2500 रुपये की गिरावट आई है. 10 दिसंबर 2024 को प्याज की औसत कीमत 38 रुपये थी, जबकि मंगलवार 24 दिसंबर को प्याज की औसत कीमत 1,525 रुपये थी. जब औसत कीमत 3800 रुपये थी तो एक दिन में 17 करोड़ का कारोबार होता था. 1,525 रुपये की औसत कीमत के साथ एक दिन में लगभग आठ करोड़ का कारोबार होता था. यानी इन चौदह दिनों में किसानों को प्रतिदिन लगभग दस करोड़ का नुकसान हुआ.

लेट खरीफ प्याज की बंपर आवक

जानकार मानते हैं कि अगर घरेलू स्तर पर प्याज की आपूर्ति करने के बाद बचे हुए प्याज को विदेशों में निर्यात किया जाए तो प्याज की कीमत स्थिर रह सकती है. इसके लिए यदि केंद्र सरकार तुरंत निर्यात शुल्क 20 प्रतिशत कम कर दे और व्यापारी वर्ग को अतिरिक्त प्याज निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित करे, तो बाजार मूल्य को स्थिर करने में मदद मिलेगी. अगर सरकार यही निर्यात मूल्य 15 दिन के बाद कम करती है तो इसका असर मार्केट पर नहीं होगा क्योंकि तब तक प्याज की बंपर आवक मंडी में होगी. आंकड़ों पर गौर करें तो दिसंबर 2023 में 2 लाख 13 हजार 624 क्विंटल लाल प्याज की आवक मार्केट में थी. जबकि 67 हजार 845 क्विंटल ग्रीष्मकालीन यानी रबी प्याज की आवक थी. 

ग्रीष्मकालीन प्याज की न्यूनतम कीमत 552 रुपये और अधिकतम कीमत 4,200 रुपये थी, जबकि औसत कीमत 4,200 रुपये थी. वही इस साल 24 दिसंबर को (23 दिसंबर के अंत में) 6,77,198 क्विंटल लाल प्याज प्राप्त हुआ और न्यूनतम कीमत 700 रुपये थी. जबकि अधिकतम कीमत 1,725 रुपये थी. आप समझ सकते हैं कि प्याज की आवक दोगुना हुई है. 

पाकिस्तान के प्याज की बल्ले बल्ले

नासिक के प्याज एक्सपोर्टर ने नाम न जाहिर करने के शर्त पर कहा कि राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में स्थानीय प्याज बड़ी मात्रा में बाजार में आ गया है. गुजरात की मंडी में आए प्याज की पूरी नीलामी नहीं होती है. लाल प्याज की सप्लाई मांग से ज्यादा बढ़ गई. फिलहाल खाड़ी देशों में कम कीमत वाला पाकिस्तान और चीन का प्याज जा रहा है. भारत में प्याज का उत्पादन उम्मीद से डेढ़ गुना ज्यादा हुआ. हालांकि निर्यात खुला है, लेकिन 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगने से निर्यात रुका हुआ है. निर्यात शुल्क के कारण खाड़ी देशों के लिए नासिक का प्याज महंगा हो गया है. इसलिए दुबई, बांग्लादेश, कोलंबो, तुर्की और अन्य खाड़ी देश पाकिस्तान और चीन का प्याज खा रहे हैं. 

चूंकि पाकिस्तान और चीन से प्याज पर कोई निर्यात शुल्क नहीं है, इसलिए वहां के किसानों के लिए वरदान बन रहा है. यहां भारत में किसान निर्यात शुल्क हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार आंखें मूंदे हुए है. सरकार का अभी भी कहना है कि दिल्ली में मिनीमम प्राइस कम नहीं हुआ है. एक्सपोर्टर आगे कहते हैं कि हम बड़े-बड़े ग्राहक खो रहे हैं. वॉलमार्ट जैसे बड़े ग्राहक खोए हैं क्योंकि एक रात में आप एक्सपोर्ट बंद करते हो तो उन्हें नुकसान होता है. उपर से पाकिस्तान और चीन के मुकाबले महंगा प्याज होता है.

इस साल पाकिस्तान के सिंध में प्याज की बंपर फसल है क्योंकि पिछले साल उन्हें एक्सपोर्ट से अच्छा पैसा मिला था. पाकिस्तान बिना कोई निर्यात शुल्क लगाए भारत से भी सस्ते दामो में प्याज बेचेगा. पाकिस्तान का यह प्याज मई महीने तक चलेगा जो भारत के प्याज के लिए चुनोती होगा. इससे एक्सपोर्ट का मार्केट खत्म होगा.(प्रवीण ठाकरे की रिपोर्ट)

 

MORE NEWS

Read more!