महाराष्ट्र चुनावों में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत में किसानों की बड़ी भूमिका उभरकर सामने आई है. ऐसे में बीते कई सप्ताह से एमएसपी से नीच चल रहीं कपास की कीमतें अब तेजी से ऊपर जाने की संभावना बढ़ गई है. कपास में नमी का मुद्दा महाराष्ट्र में गरमाया रहा है. वहीं, दूसरी ओर 25 लाख गाठ आयात की आशंकाओं के बावजूद बीते कुछ सप्ताह मंडियों में कपास का दाम नीचे बनाए रखे है. उधर, उत्पादन में गिरावट के अनुमानों ने भी कपास के दाम ऊपर जाने का इशारा दे दिया है.
भारतीय कपास संघ के अनुसार 2024-25 में कपास की फसल पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी घटकर 170 किलो की 302.25 लाख गांठ रह जाएगी. पिछले सीजन में उत्पादन 325.29 लाख गांठ था. कपास के उत्पादन में गिरावट कुछ इलाकों में फसल पर प्रतिकूल मौसम और कम रकबे के कारण है. इस खरीफ सीजन में कपास की बुआई में लगभग 10 फीसदी की गिरावट आई है, जो पिछले वर्ष के 126.9 लाख हेक्टेयर से घटकर 112.9 लाख हेक्टेयर रह गई है, जो औसत 129.34 लाख हेक्टेयर से काफी कम है.
महाराष्ट्र कृषि विपणन बोर्ड के अनुसार 23 नवंबर को राज्य की कई मंडियों में कपास की आवक में तेजी दर्ज की गई है. जबकि, कई मंडियों में कपास की थोक अधिकतम कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य के नजदीक पहुंच गई है, जो बीते कई सप्ताह से काफी नीचे थे. सबसे ज्यादा औसत कीमत अकोला मंडी में 7433 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई है. बता दें कि केंद्र ने कपास की एमएसपी मीडियम स्टेपल के लिए 7121 रुपये प्रति क्विंटल और लॉन्ग स्टेपल के लिए 7521 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है.
महाराष्ट्र में 2024-25 में कपास उत्पादन 299.26 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया है. लेकिन, किसानों से हर तरह के कपास को खरीदने के निर्देश सरकार की ओर से मंडियों को जारी किए गए हैं. ऐसे में कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि कपास किसानों को आने वाले कुछ सप्ताह में एमएसपी से भी ज्यादा कीमत मिलने वाली है. उत्पादन गिरावट की आंशकाओं ने कपास की कीमतों को ऊपर जाने पर बल दिया है. अनुमान है कि कपास की कीमत एमएसपी से भी ऊपर जा सकती है.