Soil Moisture Device: मिट्टी में नमी की निगरानी अब और भी सस्ती, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बनाया खास डिवाइस

Soil Moisture Device: मिट्टी में नमी की निगरानी अब और भी सस्ती, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बनाया खास डिवाइस

मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों के फायदे के लिए इस डिवाइस का इस्तेमाल करने के लिए उनसे संपर्क किया है और यह झारखंड के संदर्भ में भी फायदेमंद होगा. इसमें बताया गया है कि यह एक कम कीमत वाला डिवाइस है, जो बाजार में मौजूद दूसरे डिवाइस की तुलना में काफी सस्ता है.

Soil Moisture DeviceSoil Moisture Device
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Dec 21, 2025,
  • Updated Dec 21, 2025, 11:47 AM IST

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) की प्रतिभा वारवाडे और उनकी रिसर्च टीम ने एक बेहद काम का डिवाइस विकसित किया है. ये डिवाइस मिट्टी की नमी की निगरानी करता है और इसे अब पेटेंट भी मिल गया है. संस्थान ने शनिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) से चलने वाला यह डिवाइस एक स्मार्ट सिंचाई सिस्टम का हिस्सा है, जिसे बड़े पैमाने पर कृषि उत्पादन को सपोर्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, खासकर ड्रिप सिंचाई के तहत अलग-अलग तरह की सब्जियों और फलों की फसलों के लिए.

इस डिवाइस की खासियत

CUJ ने बताया कि यह सिस्टम रियल-टाइम मिट्टी की नमी और पर्यावरण डेटा के आधार पर सिंचाई को ऑटोमेट करके हाथ से काम करने वाली लेबर पर निर्भरता को कम करता है. CUJ के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर वारवाडे ने कहा कि इस पेटेंट को एग्रीकल्चर सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. यह डिवाइस किसानों को मिट्टी में नमी का रियल-टाइम लेवल बताने में सक्षम है, जिससे सिंचाई मैनेजमेंट साइंटिफिक नजरिए से ज्यादा कुशल, सटीक और असरदार बनेगा.

दूसरे डिवाइस की तुलना में काफी सस्ता

बयान में कहा गया है कि मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों के फायदे के लिए इस डिवाइस का इस्तेमाल करने के लिए उनसे संपर्क किया है और यह झारखंड के संदर्भ में भी फायदेमंद होगा. इसमें बताया गया है कि यह एक कम कीमत वाला डिवाइस है, जो बाजार में मौजूद दूसरे डिवाइस की तुलना में काफी सस्ता है. वारवाडे ने आगे कहा कि इस उपलब्धि से स्मार्ट एग्रीकल्चर की दिशा में नई संभावनाएं खुली हैं, जो पानी बचाने, प्रोडक्शन बढ़ाने और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में मददगार साबित होंगी.

CUJ के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर वारवाडे ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम के साथ एक जॉइंट प्रोजेक्ट के तहत यह उपलब्धि हासिल की है. CUJ के वाइस चांसलर, प्रोफेसर क्षिति भूषण दास ने वारवाडे की रिसर्च और इनोवेशन को पेटेंट में बदलकर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के जरिए समाज की भलाई में योगदान देने के लिए उनकी तारीफ़ की.

क्या है इस डिवाइस का फायदा?

मिट्टी की नमी मापने वाले इस डिवाइस (Soil Moisture Sensor) से किसानों को कई सारे फायदे मिलेंगे. इससे न सिर्फ पानी की बचत होती है, बल्कि फसल की पैदावार और गुणवत्ता भी बेहतर होती है. यह डिवाइस बताता है कि मिट्टी में नमी कितनी है और कब पानी देने की जरूरत है. इससे फसल को न ज्यादा पानी मिलता है और न कम. जब जरूरत हो तभी सिंचाई करने से पानी की खपत कम होती है और मोटर या पंप कम चलने से बिजली या डीजल का खर्च घटता है. सही नमी मिलने से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और फसल का विकास बेहतर होता है, जिससे उत्पादन बढ़ता है.

ये भी पढ़ें-

MORE NEWS

Read more!