गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बाजार में हरी सब्जियों के दाम में भी भारी गिरावट होने लगी है. उत्तर प्रदेश में जहां गर्मी का पर लोगों को झुलसा देने को तैयार है तो वही किसान हरी सब्जियों के दाम में हो रही गिरावट को लेकर परेशान दिखाई दे रहे हैं. यूपी की राजधानी लखनऊ में हरी सब्जियों के दाम में बीते एक सप्ताह के भीतर काफी गिरावट हुई है. किसानों का कहना है की सब्जियों को उगाने से लेकर इन दिनों सिंचाई और रखवाली करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन बाजार में उनकी सब्जियों के भाव नहीं मिल रहे हैं. हरी सब्जियों में सबसे बुरा हाल लौकी का हो गया है. मंडी में एक रुपए किलो से भी कम कीमत में लौकी बिक रही है जबकि तोरई, भिंडी, करेला के दाम भी मंडी में 10 से ₹15 प्रति किलो के भाव में है. किसानों का कहना है कि इस भाव में तो उनके लागत भी नहीं निकल पा रही है.
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यूपी में मौसम का पर जहां चल रहा है तो वही सब्जियों के दाम लगातार गिर रहे हैं. राजधानी लखनऊ की दुबग्गा सब्जी मंडी में हरी सब्जियों के भाव में काफी गिरावट हुई है. लौकी के दाम में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है. सब्जी बेचने आए किसान रामसेवक ने बताया की लौकी 5 किलो का भाव ₹10 से भी कम मिल रहा है. वहीं कई किसान तो लौकी की बिक्री न होने पर उसे मंडी में ही पशुओं को खिलाकर घर लौट रहे हैं जबकि दूसरी सब्जी के भाव में भी इसी तरह की गिरावट है. किसान रामसेवक का कहना है कि इस गर्मी के मौसम में जहां लोगों के पसीने छूट रहे हैं वहीं किसान भाव ना मिलने से कर्ज में डूबा जा रहा है. यही हाल भिंडी , तोरई,करेला और खीरे के दाम भी ₹10 किलो तक आ पहुंचे हैं जबकि फसल लागत भी इतनी नहीं है.
हरी सब्जियों के दाम में जहां गिरावट जारी है तो वही आलू के भाव में बढ़ोतरी भी जारी है. आलू के भाव इन दोनों बाजार में ₹40 प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. किसान आलू के भाव को लेकर काफी खुश है. हालांकि इस बार उत्पादन में 40 फ़ीसदी तक कमी देखने को मिली है जिसके चलते इस बार पिछले साल से कम आलू उत्पादन हुआ है. आलू व्यापारियों का कहना है की जुलाई-अगस्त में आलू का भाव ₹50 प्रति किलो तक पहुंच सकता है.