दिवंगत कृषि वैज्ञानिक को 'भारत रत्‍न' देने की मांग, किसानों की PM Modi से अपील, जानें क्‍या है योगदान

दिवंगत कृषि वैज्ञानिक को 'भारत रत्‍न' देने की मांग, किसानों की PM Modi से अपील, जानें क्‍या है योगदान

Coimbtore News: नेचुरल ऑर्गेनिक फार्मर्स समिट में किसानों ने पीएम मोदी से मांग की कि देश के दो कृषि वैज्ञानिकों उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान किया जाए. जानिए उनका खेती में योगदान...

PM Modi in Coimbatore Natural Farming SummitPM Modi in Coimbatore Natural Farming Summit
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 19, 2025,
  • Updated Nov 19, 2025, 7:07 PM IST

कोयंबटूर में बुधवार को आयोजित नेचुरल ऑर्गेनिक फार्मर्स समिट में देश भर से आए किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी अपील की. किसानों ने मांग रखी कि प्राकृतिक और जैविक खेती को भारत में नई पहचान देने वाले मशहूर वैज्ञानिकों नाम्मलवर और महाराष्ट्र के सुभाष पालेकर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया जाए. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त के रूप में 9 करोड़ किसानों को 18 हजार करोड़ रुपये की राशि भी जारी की.

समिट में दक्षिण भारत के मुख्य संयोजक डॉ. के रामास्वामी ने बताया कि जब तमिलनाडु के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री को कार्यक्रम का निमंत्रण देने दिल्ली गया था तो उन्होंने तत्काल इसे स्वीकार कर लिया था. रामास्वामी ने कहा कि आज सुबह जैसे ही प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल पहुंचे, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि आपने बुलाया और मैं आ गया. उनके इस स्नेहपूर्ण जवाब ने किसानों को खास तौर पर प्रभावित किया.

खेती को और सरल बनाने की जरूरत

डॉ. रामास्वामी ने किसानों की ओर से प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि खेती को सरल और समय बचाने वाले तरीकों से आगे बढ़ाने की जरूरत है. उनका कहना था कि अगर बीज, नर्सरी और कटाई वाली प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाए तो फसल जल्दी तैयार हो सकती है. इससे किसानों की आमदनी में भी सुधार होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की.

इन दो कृषि वैज्ञानिकों को सम्‍मान देने की मांग

रामास्वामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि जैविक और प्राकृतिक खेती को भारत में जन-जन तक पहुंचाने वाले नाम्मलवर और सुभाष पालेकर को राष्ट्रीय स्तर का सम्मान दिया जाए. उन्‍होंने कहा कि जिस समय देश में रासायनिक खेती का दबदबा था, उसी दौर में इन दोनों वैज्ञानिकों ने बिना केमिकल के खेती की राह दिखाई और लाखों किसानों को नई उम्मीद दी.

नाम्‍मलवर को भारत रत्‍न देने की मांग

तमिलनाडु की सभी किसान संगठनों की समन्वय समिति के अध्यक्ष पी. आर. पांंडियन ने भी यह मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि नाम्मलवर का योगदान इतना बड़ा है कि उन्हें "भारत रत्न" जैसी सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए. पांडियन ने कहा कि नाम्मलवर चाहे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सोच, उनके सिद्धांत और खेती की उनकी नीति आज भी किसानों को दिशा दे रही है.

किसान नेता ने पीएम मोदी का जताया आभार

पांडियन ने इस मौके पर केंद्र सरकार का आभार जताया कि उसकी पहल से तमिलनाडु को कावेरी नदी का अपना उचित जल हिस्सा मिला और पारंपरिक खेल जल्लीकट्टु को जारी रखने में भी मदद मिली. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संभव हुआ कि प्रतिबंध के बाद भी संसद में विधेयक लाकर जल्लीकट्टु को फिर से तमिलनाडु में आयोजित करने की अनुमति दी गई.

उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि खेती की जमीन को अनियंत्रित तरीके से उद्योग या निर्माण कार्यों के लिए बदलने पर सख्त कानून की जरूरत है. पांडियन ने स्पष्ट किया कि किसान उद्योगों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन खेती और उद्योग दोनों को संतुलित तरीके से बढ़ना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए कृषि भूमि सुरक्षित रह सके. (पीटीआई)

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