
मेरठ के कलेक्ट्रेट में सदर एसडीएम कोर्ट के बाहर एक किसान लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए जॉइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर दीक्षा जोशी के पैरों में गिरकर फफक पड़ा. किसान ने आरोप लगाया कि लेखपाल उसे 10000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था और पैसे ना देने पर गलत रिपोर्ट लगा दी. किसान ने कहा कि रिपोर्ट में सुधार किया जाए और रोने लगा. इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि बाद में किसान को समझाया गया कि न्याय हित में ही फैसला दिया जाएगा.
दरअसल घटना मंगलवार की है. जब सरूरपुर क्षेत्र के गांव कलीना निवासी किसान राजीव जॉइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर दीक्षा जोशी की कोर्ट के बाहर पहुंचा और हंगामा करने लगा. इस बीच IAS, SDM डॉ. दीक्षा जोशी भी वहां आ गई जिसके बाद किसान राजीव उन के पास पहुंचा और उनके पैर पकड़कर फूट-फूटकर रोने लगा.
SDM ने पहले किसान को पानी पिलाकर शांत कराया और उसकी पूरी बात सुनी. इसके बावजूद वह बार-बार न्याय की गुहार लगाता रहा और भावनात्मक तनाव में खुद को नुकसान पहुंचाने जैसी बातें कहता रहा.
बताया जा रहा है कि राजीव के पिता रविंद्र सिंह का सत्येंद्र सिंह से पैतृक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. वर्ष 2020 में उसके पिता द्वारा दायर मामले में तत्कालीन जॉइंट मजिस्ट्रेट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन विपक्ष की अपील पर वह निर्णय निरस्त कर दिया गया और वर्तमान में मामला SDM सदर की कोर्ट में विचाराधीन है.
मंगलवार को लेखपाल सुरेंद्र कुमार ने जमीन संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसे नियमानुसार स्वीकार कर लिया गया. रिपोर्ट से असंतुष्ट किसान ने कोर्ट परिसर में ही जमीन पर बैठकर विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद तमाम अधिकारी भी वहां पहुंच गए और अधिकारियों ने किसान से बातचीत की और उसे निष्पक्ष जांच और न्याय का भरोसा दिलाया.
किसान ने कहा कि लेखपाल ने जमीन बंटवारे के मामले में गलत रिपोर्ट लगा दी है. वही इस मामले में SDM डॉ. दीक्षा जोशी ने कहा कि अदालत प्रक्रिया के अनुसार दोनों पक्षों को सुनकर ही निर्णय लिया जाएगा. हालांकि इस मामले में SDM से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन से कोई संपर्क नहीं हो सका.
इस पूरे मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें किसान को एसडीएम के ऑफिस गेट पर रोते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में किसान ने अपनी पूरी आपबीती बताई है. वीडियो में एसडीएम को आश्वासन देते भी देखा जा सकता है. आसपास और भी सरकार कर्मचारी खड़े देखे जा रहे हैं.