कर्नाटक के कृषि मंत्री एन.चेलुवरयास्वामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में लगभग सात लाख किसानों को उनकी फसल बर्बाद होने पर 475 करोड़ रुपये की फसल बीमा राशि दी गई है. मांड्या जिले के नागमंगला में कृषि मेले और एक फार्म एक्सपो का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में केवल दो प्रतिशत किसानों ने फसलों का बीमा कराया है, जिसकी संख्या करीब 20 लाख है. उन्होंने बताया आने वाले दिनों में सूखा प्रभावित किसानों को 1,000 करोड़ की फसल बीमा राशि वितरित की जाएगी.
चेलुवरयास्वामी ने कहा कि खेती को उन्नत बनाने के लिए किसानों को नई तकनीकों का लाभ मिलना चाहिए. साथ ही ऐसी व्यवस्था भी बनानी चाहिए, जिससे कृषि यंत्र असानी से किसानों को उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा कि इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों और विभागों को अपनी- अपनी भूमिका निभानी होगी. साथ ही किसानों को पूरी तरह से प्रोत्साहित किया जाए, ताकि वे नई-नई कृषि तकनीकों का लाभ उठा सकें. उन्होंने कहा कि देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि में लगी हुई है. इसके बावजूद भी अधिकांश किसान आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और उनका कल्याण करना सरकार और समाज का कर्तव्य है.
चेलुवरायस्वामी ने कहा कि बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बाजरा मेला बहुत सफल रहा और किसानों ने इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लिया. उन्होंने कहा कि आईटी और बीटी क्षेत्रों की तरह, कृषि क्षेत्र में भी तकनीकी इनोवेशन तेजी से हो रहे हैं और किसानों को अपनी आर्थिक प्रगति के लिए कृषि इनोवेशन को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि हरित क्रांति ने देश की रूपरेखा बदल दी, लेकिन कृषि क्षेत्र में और अधिक विकास करने की आवश्यकता है.
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वहीं, कृषि आयुक्त वाई.एस. पाटिल ने कहा कि कृषि मंत्री का लक्ष्य बिचौलियों के हस्तक्षेप को काफी हद तक समाप्त करके किसानों को उद्यमी बनाना है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हर कोई इस उद्देश्य को साकार करने के लिए मंत्री के पीछे रहेगा. इस अवसर पर कृषि क्षेत्र और कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों द्वारा कृषि मेले में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिये गये. वहीं, उपायुक्त कुमार, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेश और अन्य सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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