बड़ी खबर: किसानों का दिल्ली कूच दो दिन के लिए रुका, शुक्रवार को अगली कार्रवाई का खुलासा

बड़ी खबर: किसानों का दिल्ली कूच दो दिन के लिए रुका, शुक्रवार को अगली कार्रवाई का खुलासा

किसान आंदोलन जिसमें कई राज्‍यों के किसानों ने बुधवार को 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू कर दिया था, शाम होते-होते एक नए मोड़ पर पहुंच गया. किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर का कहना है कि दिल्ली मार्च दो दिन के लिए स्थगित किया गया है. अब शुक्रवार शाम को वो अगली कार्रवाई का खुलासा करेंगे.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Feb 21, 2024,
  • Updated Feb 21, 2024, 11:11 PM IST

किसान आंदोलन जिसमें कई राज्‍यों के किसानों ने बुधवार को 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू कर दिया था, शाम होते-होते एक नए मोड़ पर पहुंच गया. किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर का कहना है कि दिल्ली मार्च दो दिन के लिए स्थगित किया गया है. अब वह परसों यानी शुक्रवार शाम को वे अगली कार्रवाई का खुलासा करेंगे.  पूरा दिन विरोध प्रदर्शन के दौरान कई अहम घटनाक्रम हुए. प्रदर्शन के दौरान किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में भारी सुरक्षा भी तैनात की गई.

हरियाणा पुलिस का चौंकाने वाला दावा 

बुधवार को प्रदर्शन फिर से शुरू हुआ तो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर तनाव भी चरम पर पहुंच गया. सरकार ने अनुमान लगाया कि प्रदर्शन के तहत 1200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, 300 कारों, 10 मिनी बसों और छोटे वाहनों के साथ पंजाब-हरियाणा सीमा पर लगभग 14000 किसान इकट्ठा हुए थे. केंद्र ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में इस संभावित चूक की अनुमति देने के लिए पंजाब सरकार की भी निंदा की. 

हरियाणा पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर जला दिया. इसके साथ ही लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया और उन पर पथराव भी किया. इसमें करीब 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं. न्‍यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति की अपील भी की. 

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किसानों ने ठुकराया प्रस्‍ताव 

गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं ने पहले केंद्रीय मंत्रियों के साथ चौथे दौर की वार्ता के बाद रविवार शाम को किसानों का विरोध प्रदर्शन रोक दिया था. नेताओं ने पहले चेतावनी दी थी कि अगर केंद्र ने 21 फरवरी तक उनकी मांगें पूरी नहीं कीं तो वे दिल्ली तक अपना मार्च फिर से शुरू करेंगे. 

आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान नेताओं ने सोमवार को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) पर सरकार की तरफ से दिए गए प्रस्‍ताव को सिरे से खारिज कर दिया था. सरकार की तरफ से पांच साल के लिए दलहन, मक्का और कपास की खरीद पर एमएसपी का प्रस्‍ताव दिया गया था. किसानों ने केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है औरघोषणा की कि वे बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेंगे. 

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