हरियाणा विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में अवैध जल कनेक्शनों और जल गुणवत्ता से जुड़ी गंभीर समस्याओं पर ध्यान दिलाया है. रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद में 1 लाख से अधिक और करनाल में 74,000 से अधिक अवैध जल कनेक्शन हैं. साथ ही, हरियाणा के 16 जिलों में भूजल में यूरेनियम संदूषण की समस्या भी पाई गई है.
पीएसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अवैध जल कनेक्शनों के कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है और पानी की बर्बादी भी बढ़ रही है. राष्ट्रीय जल नीति के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में बिना मीटर वाले सभी जल कनेक्शनों को एक वर्ष के भीतर मीटर वाले कनेक्शन में बदलना था. ग्रामीण क्षेत्रों में मार्च 2017 तक 50% कनेक्शनों में मीटर लग जाना चाहिए था, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
सीएजी (CAG) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कई जगहों पर पीने का पानी कोलीफॉर्म बैक्टीरिया से दूषित है. इसके अलावा, पानी के भौतिक और रासायनिक गुण अनुमेय सीमा से अधिक पाए गए हैं. फरीदाबाद नगर निगम में किए गए जल परीक्षणों में से 8 में से 7 स्थानों पर जल गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पानी की टंकियों में मेंढक और शैवाल पाए गए, जो पानी की गुणवत्ता और स्वच्छता पर सवाल खड़े करते हैं.
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केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के 16 जिलों में एक या अधिक स्थानों पर भूजल में यूरेनियम की मात्रा अनुमेय सीमा से अधिक पाई गई है. ये जिले हैं:
पीएसी अध्यक्ष आफताब अहमद ने कहा कि सरकार को तुरंत इस समस्या का समाधान करना चाहिए. दूषित भूजल के संपर्क से बचाने के लिए जरूरी उपाय किए जाने चाहिए और जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि ट्यूबवेल आधारित जल आपूर्ति प्रणाली को नहर आधारित प्रणाली में बदलने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.
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पीएसी ने यह भी सिफारिश की है कि: