Haryana News: कृषि के बिना भारत की पहचान अधूरी–पानीपत में किसानों से मिले कृषि मंत्री शिवराज सिंह

Haryana News: कृषि के बिना भारत की पहचान अधूरी–पानीपत में किसानों से मिले कृषि मंत्री शिवराज सिंह

Vikasit Krishi Abhiyan: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने इस कार्यक्रम से पहले किसानों के बीच खेत में जाकर उनसे बातचीत की. साथ ही विविध तरीकों से की जा रही खेती के बारे में पूरी जानकारी ली. मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने इसे साझा करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े कार्यक्रम खेतों में जाए बिना अधूरे है.

Vikasit Krishi AbhiyanVikasit Krishi Abhiyan
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Jun 01, 2025,
  • Updated Jun 01, 2025, 9:13 AM IST

Vikasit Krishi Abhiyan: 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' को लेकर देशभर के किसानों और वैज्ञानिको में जबर्दस्त उत्साह है. अभियान के तीसरे दिन शनिवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान हरियाणा के पानीपत में थे और यहां पर उन्‍होंने किसानों के साथ संवाद किया. कार्यक्रम में हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एम.एल.जाट सहित बाकी अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए. 

किसान रामप्रसाद से हुए प्रभावित 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने इस कार्यक्रम से पहले किसानों के बीच खेत में जाकर उनसे बातचीत की. साथ ही विविध तरीकों से की जा रही खेती के बारे में पूरी जानकारी ली. मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने इसे साझा करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े कार्यक्रम खेतों में जाए बिना अधूरे है.आज भी मैंने खेत में जाकर हमारे किसान भाइयों से बात की, जिनमें से एक हैं रामप्रसाद, जिनके खेत में मैं गया. उन्होंने अपने खेत में कई तरह के तरबूजों की खेती की हुई है. कृषि मंत्री ने बताया कि किसान रामप्रसाद के खेत में उन्‍होंने लाल तरबूज के साथ-साथ पीले और संतरी तरबूज की खेती भी देखी जो स्वाद के लिहाज से भी शानदार है. कृषि मंत्री का कहना था कि गेहूं की खेती के साथ-साथ तरबूज की खेती का यह तरीका खेती के विकास के दृष्टिकोण से बेहद शानदार है. 

किसान और जवान, देश के आधार 

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक कृषि मंत्री की असली भूमिका किसानों से बातचीत करना, उनके पास जाकर समस्याएं सुनना और उनके समाधान के बारे बताना है. उनका कहना था कि खेती आज भी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान उसकी आत्मा है. ऐसे में किसानों की सेवा उनके लिए भगवान की पूजा है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय का दायित्व दिया गया है. मेरे रोम-रोम में किसान है और हर सांस में खेती है. मैं खेती को जीने की कोशिश कर रहा हूं. मैं किसान का बेटा हूं. ट्रैक्टर भी चलाता हूं. बोवनी भी करता हूं. खेती के बिना हिंदुस्तान की पहचान अधूरी है. एक तरफ सीमा पर बैठे हुए जवान जो देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और दूसरी तरफ खेत में डटा किसान, ये दो भारत के आधार हैं. 

सिंधु जल संधि का जिक्र 

शिवराज सिंह ने कहा कि पहलगाम की आतंकी घटना का हमने मुंहतोड़ जवाब दिया. पाकिस्तान के आतंकी अड्डे हमने तबाह कर दिए. हमने पाकिस्तान के निर्दोष नागरिकों पर हमला नहीं किया और ना ही पाकिस्तान की सेना पर हमला किया. हमने आतंकी अड्डों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया. पाकिस्तान को अपनी गलती की सजा भुगतना पड़ी. कृषि मंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को सिंधु जल समझौता स्थगित करने के लिए धन्यवाद देता हूं. यह एक अन्‍नायपूर्ण समझौता था. उनका कहना था कि हमारी नदी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया.  सिर्फ 20 प्रतिशत पानी भारत के हिस्से में आया. सिर्फ पानी ही नहीं, पैसे भी दिए गए. नेहरू की तरफ से इस समझौते से एवज में पाकिस्तान को 83 करोड़ रुपये दिए गए थे. जो हमारे देश के लोगों के लिए अन्‍नाय था. कृषि मंत्री की मानें तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के लोग और हमारे किसान भाई-बहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. अब यह पानी हमारे देश में आएगा और हरियाणा तक पानी की लहर बहेगी. अब पानी का उपयोग भारत के अपने किसानों और खेती के लिए किया जाएगा. 

जरूरी है विकसित कृषि अभियान 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ने और ‘लैब टू लैंड’ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है. रिसर्च का फायदा किसानों तक पहुंचे, इसके लिए 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं. कृषि विभाग का अमला और किसान मिलकर खेती की दशा और दिशा बदलेंगे और अपना सामर्थ्य दुनिया को दिखलाएंगे. चौहान ने सभी से कृषि को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने और भारत को फूड बास्केट बनाने की अपील भी की. चौहान ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं और वो काफी प्रतिभाशाली और सामर्थ्यवान है. हाल ही में इन्‍हीं भारतीय वैज्ञानिकों ने धान की दो नई किस्में विकसित की हैं, जिनमें 30 फीसदी उत्पादन बढ़ेगा और पानी 20 प्रतिशत कम लगेगा. अब रियल टाइम में किसानों को बताएं कि ये चीज है इस पर ये चीज लगाओ इसलिए बना है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’. 

उर्वरकों का हो संतुलित प्रयोग  

केंद्रीय कृषि मंत्री ने उवर्रक के संतुलित उपयोग पर भी जोर दिया. उन्‍होंने कहा कि अभियान के जरिए हमारे वैज्ञानिक मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखते हुए उर्वरकों के संतुलित प्रयोग की जानकारी भी देंगे. कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करते हुए किसानों से इस दिशा में आगे बढ़ने की अपील की. शिवराज सिंह ने कहा कि हरियाणा के गांव-गांव 55 टीमें जा रही है. मैं हरियाणा साथ ही पूरे देश के किसान भाइयों और बहनों से कहना चाहता हूं जब आपके गांव में वैज्ञानिकों की टीम आए तो उनके साथ बैठिए, अपनी समस्या बताइए, सवाल पूछिए और वैज्ञानिक मित्र भी पूरे फर्ज और धर्म के साथ यह काम निष्ठापूर्वक करें. यही देश के लिए जीना है. उत्पादन खरीफ की फसल में ही बढ़ जाएगा और इसी खरीफ फसल के बाद हमारे सामने अपनी सफलता के परिणाम होंगे. खाद्यान्न बढ़ने पर हम पूरे विश्व के लिए भी खाद्यान्न सुनिश्चित कर पाएंगे. 

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