पिछले साल मॉनसून लौटने के बाद भी देश में कई राज्यों में बेमौसम बारिश दर्ज की जा रही है. महीने-दर-महीने कहीं न कहीं बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान और वज्रपात, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा. यही हाल ओडिशा में भी हुआ, जहां दिसंबर में फसलों को नुकसान हुआ. उसके बाद अब 27 मई से 30 मई के बीच बेमौसम बारिश के कारण फसल और मकान को नुकसान हुआ. पीटीआई के मुताबिक, इसे लेकर राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि सरकार ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानदंडों के अनुसार वित्तीय मदद देने का फैसला किया है.
राज्य सरकार ने इस महीने बेमौसम बारिश को राज्य-विशिष्ट आपदा घोषित किया था. किसानों और प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ से सहायता मिलेगी. मंत्री ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एसडीआरएफ के वार्षिक आवंटन का अधिकतम 10 प्रतिशत इस्तेमाल किया जा सकता है. शुक्रवार शाम को यहां मॉनसून की तैयारियों पर आयोजित समीक्षा बैठक में पुजारी ने कहा कि जिला कलेक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार प्रभावित लोगों को सहायता मिलेगी.
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उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण पीड़ित सभी लोगों को मदद पहुंचाने के प्रयास जारी हैं. पुजारी ने कहा कि हर किसान और व्यक्ति जिसका घर बारिश और हवा से क्षतिग्रस्त हुआ है, उसे मुआवजा मिलेगा. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद किसानों और गरीब लोगों की सहायता के लिए धन की कोई कमी नहीं है. पुजारी ने कहा कि फसल और घर के नुकसान की पूरी सीमा का आकलन करने के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग और कृषि और किसान सशक्तिकरण विभाग द्वारा एक संयुक्त सर्वेक्षण सक्रिय रूप से चल रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी प्रभावित व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे. भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बैठक में बताया कि राज्य में 27 मई से 30 मई के बीच औसतन 49 मिमी बारिश हुई. केंद्रपाड़ा, कालाहांडी, जगतसिंहपुर, कंधमाल, नबरंगपुर, भद्रक, सुबरनपुर और रायगढ़ के आठ जिलों में 50 मिमी से अधिक बारिश हुई है. इसी तरह, 22 अन्य जिलों में 10 से 50 मिमी के बीच बारिश दर्ज की गई, जिससे खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा. विशेष राहत आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री केसी पात्रा, जिला कलेक्टर और कृषि अधिकारी शामिल हुए.
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