आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर आप भी बन सकते हैं सफल किसान, खेती में भी होगा सुधार

आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर आप भी बन सकते हैं सफल किसान, खेती में भी होगा सुधार

आधुनिक खेती का मतलब कहीं न कहीं कृषि की उन्नत एवं वैज्ञानिक पद्धति से है, जहां आधुनिक कृषि यंत्रों, उन्नत तकनीकों, उन्नत बीजों की सहायता से फसलों का उत्पादन करने के साथ-साथ आधुनिक विधियों द्वारा फसलों पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों एवं कीटों का नियंत्रण करना. इस तरह से की गयी खेती को आधुनिक खेती कहा जाता है शायद...

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 01, 2023,
  • Updated Jan 01, 2023, 3:05 PM IST

पारंपरिक खेती को बदलते हुए किसान अब आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. जहां उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर ना केवल सफल खेती कर रहे हैं बल्कि कम समय में दोगुना लाभ भी कमा रहे हैं. पहले किसानों को कृषि कार्य पूरा करने में एक लंबा समय लग जाता था लेकिन अब आधुनिक तकनीकों की मदद से किसान उसी काम को कम समय में आसानी से पूरा कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं इन आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तार से.

ड्रोन तकनीक

आज के समय में कृषि के क्षेत्र में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. लोग समय और पूंजी को बचाने के लिए उन्नत कृषि उपकरणों या भी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्हीं उपकरणों में से एक है कृषि ड्रोन. इसका इस्तेमाल किसान खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए करते हैं. जिससे मजह कुछ ही मिनटों में छिड़काव का काम पूरा हो जाता है और किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या भी नहीं होती है. कृषि ड्रोन सामान्य ड्रोन जैसा ही है. इस छोटे यूएवी को किसानों की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है. इसमें कीटनाशक छिड़काव के लिए टैंकर लगाया गया है. यहां कीटनाशक दवाइयों को स्टोर किया जाता है और फिर रिमोट के माध्यम से इसे कंट्रोल किया जाता है. सरकार ने देश में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. ड्रोन खरीदने पर सरकार किसानों को सब्सिडी के साथ-साथ ड्रोने चलाने का प्रशिक्षण भी दे रही है.

बायो-फ्लॉक तकनीक

बायो-फ्लॉक तकनीक एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से किसान कम जगह में मछली पालन कर सकते हैं. इस तकनीक में प्लास्टिक टैंक या फिर इस तरह के सामानों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही किसान इसी पानी का उपयोग फसल की सिंचाई में कर सकते हैं. मछलियों से निकलने वाले मल एवं अतिरिक्त भोजन फसल में खाद का काम करता है. इससे फसल की उपज और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है.

हाइड्रोपोनिक्स

यह एक ऐसी तकनीक है जिसके उपयोग से किसान बिना मिट्टी आसानी से खेती कर सकते हैं. यानि अब मिट्टी और उपयुक्त जलवायु की कोई जरूरत नहीं है. पाइप के माध्यम से पौधों में सभी जरूरी तत्व डाले जाते हैं जिससे पौधे का विकास होता है. इस तकनीक का इस्तेमाल यूरोप जैसे देशों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.

पॉली हाउस तकनीक

पॉली हाउस तकनीक के माध्यम से किसान ऑफ सीजन में भी सब्जि और फूलों की खेती आसानी से कर सकते हैं. इस तकनीक की मदद से फसलों में किसी प्रकार के कीटों का खतरा कम से कम होता है. पॉलीहाउस को ग्रीनहाउस के नाम से भी जाना जाता है. यह एक प्रकार की ढंकी हुई संरचना हैं, जिसमें सब्जियों से लेकर फूलों तक का उत्पादन प्लास्टिक की छत के नीचे किया जाता है.

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