Solar farming equipment: डीजल-बिजली के खर्च से छुटकारा, इन सोलर यंत्रों से करें बचत और मुनाफे की खेती

Solar farming equipment: डीजल-बिजली के खर्च से छुटकारा, इन सोलर यंत्रों से करें बचत और मुनाफे की खेती

सोलर ऊर्जा आधारित कृषि यंत्रों का उपयोग कर किसान डीज़ल और महंगी बिजली पर निर्भरता से छुटकारा पा सकते हैं. इससे खेती की लागत में बड़ी बचत होती है और उत्पादन लागत घटती है. सोलर पंप, ड्रायर, ट्रैक्टर जैसे उपकरण न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि लंबे समय तक कम रखरखाव में कार्य करते हैं. सरकारी सब्सिडी और योजनाओं के माध्यम से किसान इन्हें आसानी से अपना सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jul 18, 2025,
  • Updated Jul 18, 2025, 1:06 PM IST

सौर ऊर्जा के पैनल यानी सौर ऊर्जा की प्लेट को आसानी से घर और खेत कहीं पर भी रखा जा सकता है और ये ऊर्जा के दूसरे स्रोतों की तुलना में काफी सस्ती और टिकाऊ है. देश में बिजली की दर तेज होने और डीजल, पेट्रोल के बढ़ते दाम से खेती किसानी में लागत बढ़ती है. कई ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या रहती है, जिससे सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों में दिक्कत आती है. सोलर यंत्र ऐसे क्षेत्रों के लिए बहुत फायदेमंद हैं क्योंकि इन्हें बिजली ग्रिड की जरूरत नहीं होती. सोलर यंत्रों से किसानों की लागत कम होने के साथ पर्यावरण की सुरक्षा होती है. ऐसे में सौर ऊर्जा क्षेत्र देश के ऊर्जा उत्पादन और मांगों के बीच की बढ़ती खाई को भी काफी हद तक पाट सकता है. आइए जानते हैं खेतीबाड़ी में प्रयोग होने वाले खास यंत्रों के बारे में जिनके उपयोग से लागत के साथ मेहनत भी कम लगती है.

सोलर पंप से खेती में भारी बचत

सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप में एक सोलर पैनल, एक ऑन-ऑफ स्वीच, नियंत्रित और ट्रैकिंग प्रणाली और एक मोटर पंप होता है. यह प्रणाली सौर ऊर्जा को विद्युत धारा में बदलती है. जिसके लिए एक एसपीवी सेल का इस्तेमाल किया जाता है. एसपीवी सेल की क्षमता विभिन्न जल स्रोतों के अनुसार दो सौ वॉट से पांच किलो वॉट तक होती है. एक हजार वॉट क्षमता वाला सोलर पंप तकरीबन 40 हजार लीटर पानी प्रतिदिन के हिसाब से दो एकड़ भूमि की सिंचाई कर सकता है. एक हजार वॉट क्षमता की सोलर पंप डीजल पंप की तुलना में सालाना तकरीबन 45 हजार तक की बचत करता है.

सोलर ड्रायर से सब्जी फल सुखाएं, नुकसान से बचें

खेतीबाड़ी में आजकल सोलर ड्रायर का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इसका इस्तेमाल कर अनाज को मंडियों में भेजने से पहले सुखाने का काम किया जाता है और इन ड्रायर में आमतौर पर ऊर्जा पैदा करने के लिए निष्क्रिय सौर पैनलों का उपयोग किया जाता है. बड़े सोलर ड्रायर में शेड बने होते हैं, जिसमें अनाज को सुखाने के लिए एक रैक और एक सोलर पैनल होता है. पंखे से जब शेड के जरिए गर्म हवा चलाई जाती है तब अनाज सूखते हैं. सोलर ड्रायर का घरेलू इस्तेमाल कर सब्जी, फल, और मसाले, सब्जियां जैसे आलू चिप्स, पत्तियों वाली सब्जियां सुखाई जा सकती हैं.

सोलर फेंसिंग से आवरा पशुओं को दूर भगाएं

जहां पशुओं और जंगली जानवरों से खेतों को अक्सर नुकसान पहुंचता है, वैसी जगहों के लिए सोलर फेंसिंग एक वरदान के समान है. ये बिना नुकसान पहुंचाए जानवरों को खेतों से दूर रखता है. जैसे जंगली सूअर, नीलगाय आदि पशु खेतों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं. इसलिए सौर ऊर्जा से संचालित बिजली की बाड़ खेतों और पशुपालकों के बड़े फार्मों के लिए बहुत फायदेमंद है. बैटरी से चलने वाले सोलर फेंसिंग की लागत प्रति एकड़ 45 हजार से 50 हजार रुपये तक आती है. जिस पर कई राज्यों की सरकार की तरफ से अलग-अलग अनुदान भी दिया जाता है और इसका लाभ राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर उठा रहे हैं.

सोलर स्प्रेयर से मेहनत और लागत दोनों की बचत

खेती में रसायनों के स्प्रे के लिए आजकल सोलर स्प्रेयर के इस्तेमाल का प्रचलन बढ़ रहा है. जिससे किसान न केवल छिड़काव में लगने वाला श्रम बचाते हैं बल्कि इससे स्प्रे करने पर समय की भी काफी बचत होती है. बाजार में इसकी कीमत 3 से लेकर 5 हजार रुपये तक है. जिस पर किसानों को प्रदेश सरकारें अनुदान भी मुहैया करवाती हैं. इस तरह आधुनिकता की दौड़ में जरूरत के मुताबिक बढ़ती लागत को घटाने के लिए किसान सौर ऊर्जा से चलने वाले यंत्रों का बेहतर उपयोग कर ज्यादा सक्षम और हाईटेक बन रहे हैं.

सरकार भी कर रही मदद 

भारत सरकार "पीएम कुसुम योजना" जैसी कई योजनाएं चला रही है, जिसके तहत किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए भारी सब्सिडी मिलती है. इस योजना के तहत 3 से 10 हॉर्सपावर (HP) तक के सोलर पंप पर 75% तक की सब्सिडी मिलती है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का योगदान होता है. सोलर पंप और अन्य सोलर यंत्रों का रखरखाव अपेक्षाकृत आसान होता है और इनमें बार-बार मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ती. किसान सोलर पैनल से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं.

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