Sutlej-Yamuna Link Canal Dispute: करीब 57 साल पुराने सतलुज यमुना लिंक (SYL) विवाद को सुलझाने के लिए 28 दिसंबर चंडीगढ़ में हुई पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक बेनतीजा रही. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को खाली हाथ दिल्ली लौटना पड़ा. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान दोनों अपने-अपने सूबे के हितों को लेकर पुराने स्टैंड पर कायम रहे. अब सबकी नजर जनवरी 2024 के दूसरे हफ्ते के दौरान सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर लगी हुई है. पिछली सुनवाई में अदालत ने पंजाब सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सख्त टिप्पणी की थी फिर भी पंजाब सरकार अपने पुराने स्टैंड से टस से मस नहीं हुई.
एक तरफ भगवंत मान ने दो टूक कहा कि पंजाब के पास दूसरे सूबों को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है. तो हरियाणा के सीएम ने मनोहरलाल ने कहा कि मामला नहर निर्माण का है, पानी के बंटवारे का मुद्दा तो ट्रिब्यूनल हल करेगा. तब पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि जब पंजाब में पानी नहीं है तो नहर निर्माण से क्या मिलेगा? उधर, पंजाब की ओर से इस मामले में एक मोर्चाबंदी किसानों को आगे करके भी करने की कोशिश की गई. वहां के पांच किसान संगठनों ने गजेंद्र शेखावत के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीम को ज्ञापन देने के लिए मोहाली के फेज-6 में प्रदर्शन किया. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यह कहते हुए केंद्रीय टीम का विरोध किया कि पंजाब का पानी खत्म हो रहा है.
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हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और पंजाब में आम आदमी पार्टी की. दोनों के बीच की सियासी जंग किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में बैठक से किसी परिणाम की उम्मीद तो कम ही थी. पंजाब सरकार का रुख देखकर नहीं लगता कि निकट भविष्य में जल का जंजाल सुलझेगा. बैठक के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हम अपने पुराने रुख पर कायम हैं. पंजाब का 70 फीसदी क्षेत्र पानी के लिहाज से डार्क जोन में है. जब पंजाब में पानी ही नहीं है तो नहर बनाकर मिलेगा क्या? जब समझौता हुआ था तब पानी अधिक था.
मामला यहीं नहीं थमा. पंजाब के कैबिनेट मंत्री ने लालजीत सिंह भुल्लर ने एक कार्यक्रम में तंज कसते हुए पानी के झगड़े के समाधान के लिए 'महापंजाब' बनाने का सुझाव दे डाला. भुल्लर ने कहा कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश पहले ही पंजाब से अलग करके बनाए गए हैं. अब इन दोनों राज्यों का वापस पंजाब में विलय कर 'महापंजाब' बना देना चाहिए. ऐसा करने से दोनों राज्यों के बीच चल रहे सारे विवाद अपने आप सुलझ जाएंगे.
हरियाणा का पक्ष रखते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का निर्माण तथा पानी के बंटवारे का विषय अलग अलग है, लेकिन पंजाब केवल एसवाईएल निर्माण के विषय पर अटक गया है. जबकि हमें सामूहिक रूप से इस विषय पर आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचालित भाखड़ा चैनल लगभग 66-67 साल पुरानी हो चुकी है, इसलिए भविष्य में किसी करणवश इस चैनल में कोई अवरोध उत्पन्न होता है तो पानी के सुगम संचालन के लिए भी एसवाईएल का निर्माण अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार यदि पंजाब एसवाईएल का निर्माण कर देता है तो इसका ये मतलब नहीं है कि हम पानी छीन लेंगे.
बैठक के बाद मनोहरलाल ने हास्य कलाकार से सीएम की कुर्सी तक पहुंचे भगवंत मान पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि एसवाईएल को लेकर बैठक मनोहर माहौल में हुई, लेकिन मान हैं कि माने नहीं. उन्होंने कहा कि एसवाईएल का विषय वर्षों से लंबित है और सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान यह कहा गया था कि केंद्र सरकार हरियाणा व पंजाब के साथ मिलकर आपसी सहमति से इस विषय को सुलझाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एसवाईएल का निर्माण होना चाहिए.
मनोहर लाल ने कहा कि समझौते के अनुसार हरियाणा को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल रहा है. जबकि बैठक में पंजाब सरकार ने माना है कि कुछ पानी पाकिस्तान में जा रहा है, जिसे वे अपने यहां बांध बनाकर डायवर्ट करेंगे. इस प्रकार देखा जाए तो आज तक हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया गया. दूसरी ओर, हरियाणा अपने स्तर पर पानी की उपलब्धता और मांग को पूरा करने का मैनेजमेंट कर रहा है. लेकिन इन प्रयासों के बावजूद दक्षिण हरियाणा और अरावली क्षेत्र में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच रहा है.
आज की बैठक में पंजाब सरकार की ओर से एसवाईएल और पानी की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को एक एफिडेविट दिए जाने की बात कही गई है. इस एफिडेविट को अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में दायर किया जाएगा. मनोहरलाल ने कहा कि पंजाब में भी लोग टयूबवेल लगाकर भू-जल का अत्यधिक दोहन कर रहे हैं और इसी प्रकार हरियाणा में भी दोहन हो रहा है. हम यह मानते हैं कि पानी सबकी जरूरत है और सभी को पानी मिलना चाहिए. लेकिन एसवाईएल का निर्माण न होने देना ये सही बात नहीं है.
इस साल आई बाढ़ के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान-अब हमारे पास पानी है अब ले लो हमसे, के संबंध में पूछे गए सवाल पर प्रतिक्रया देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि इस प्रकार का बयान बहुत ही हल्का है. ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए. अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्षों पहले सड़क और नदियों को जोड़ने का विज़न दिया था. यदि एसवाईएल बनती है तो वह नदियों को जोड़ने के लिए एक लिंक के रूप में भी काम करेगी.
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मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब व हरियाणा दोनों राज्यों में जल प्रबंधन के विभिन्न विषयों जैसे पानी की उपलब्धता, फसल विविधिकरण, डीएसआर तकनीक इत्यादि विषयों को लेकर एक संयुक्त कमेटी बननी चाहिए. हालांकि, दोनों राज्यों के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एसवाईएल को लेकर एक कमेटी पहले से बनी हुई है, अब उसी कमेटी का दायरा बढ़ाकर इन जल प्रबंधन के विषयों पर भी संयुक्त रूप से काम किया जाएगा.