गन्ने की कम उपलब्धता ने चीनी उत्पादन पर विपरीत असर डाला है. इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने बताया है कि चालू 2024-25 सत्र में 15 फरवरी 2025 तक चीनी उत्पादन 197.03 लाख टन तक ही पहुंच पाया है. यह बीते साल की तुलना में 12 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है. यूपी समेत सभी प्रमुख राज्यों में बीते साल की तुलना में चीनी उत्पादन कम हुआ है. हालांकि, इस्मा ने कहा है कि पेराई सत्र उम्मीद के अनुरूप आगे बढ़ेगा, जिससे चीनी उत्पादन में बढ़ोत्तरी की संभावना है और आपूर्ति में बाधा नहीं आएगी. बहरहाल, गन्ना उत्पादन में गिरावट के चलते राज्यों में 72 शुगर मिलें इस बार जल्दी बंद हो गई हैं.
निजी चीनी मिलों के शीर्ष उद्योग निकाय ISMA ने कहा है कि इथेनॉल ब्लेंडिंग के बाद चालू 2024-25 सीजन में 15 फरवरी 2025 तक चीनी उत्पादन 197.03 लाख टन तक पहुंच गया है. जबकि पिछले वर्ष इसी तारीख तक 224.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. इस हिसाब से 12 फीसदी यानी करीब 27 लाख टन कम उत्पादन हुआ है. बताया गया है कि इस वर्ष पेराई कारखानों की संख्या 460 थी, जबकि पिछले वर्ष इसी तिथि तक 504 कारखाने चालू थे.
इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में पेराई दर पिछले वर्ष की तुलना में अब तक बेहतर बनी हुई है. वर्तमान में राज्य भर में गन्ने में सुक्रोज फीसदी में भी सुधार हो रहा है और यह पिछले सीजन की इसी अवधि के बराबर स्तर पर पहुंच गया है. नतीजतन, इस सीजन के अंत तक पहली छमाही के दौरान देखी गई कम चीनी रिकवरी की भरपाई होने की उम्मीद है. 15 फरवरी तक राज्य में 64.04 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 2 लाख टन कम है.
इस्मा के अनुसार महाराष्ट्र में 15 फरवरी तक 68.22 लाख टन चीनी का उत्पादन दर्ज किया गया है, यह बीते साल 79.45 लाख टन उत्पादन की तुलना में लगभग 10 लाख कम है. इसी तरह कर्नाटक में 35.80 लाख टन चीनी उत्पादन दर्ज किया गया है, जो बीते साल 43.20 लाख टन की तुलना में करीब 8 लाख टन कम है. गुजरात में 5.99 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है और यह आंकड़ा बीते साल 6.85 लाख टन की तुलना में 84 हजार टन कम है. तमिलनाडु में 2.10 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है जो बीते साल 4.88 लाख टन उत्पादन से काफी कम है. अन्य राज्यों में 20.88 लाख टन उत्पादन हुआ है, जो बीते साल 22 लाख टन की तुलना में 2.88 लाख टन कम है.
गन्ना उत्पादन में गिरावट के चलते राज्यों में पेराई कारखाने इस बार जल्दी बंद हो रहे हैं. इस्मा ने कहा है कि 15 फरवरी तक महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में फैक्ट्रियां बंद होने लगी हैं. पिछले साल इसी अवधि के दौरान 22 फैक्ट्रियां बंद होने की तुलना में अब तक दोनों राज्यों में लगभग 58 फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं. इस्मा ने जोर दिया है कि दक्षिण कर्नाटक में कुछ फैक्ट्रियों के जून या जुलाई से सितंबर 2025 तक स्पेशल सीजन के दौरान फिर से शुरू होने की उम्मीद है.
31 जनवरी तक इथेनॉल आपूर्ति के अनुसार इथेनॉल की ओर चीनी का डायवर्जन लगभग 14.1 लाख टन होने का अनुमान है. जबकि, पिछले साल लगभग 8.3 लाख टन डायवर्जन हुआ था. इस हिसाब से इस साल लगभग 70 फीसदी चीनी का अधिक डायवर्जन किया जा रहा है. हालांकि, इस्मा के अनुमान के अनुसा सीजन के लिए डायवर्जन को ध्यान में रखते हुए सकल चीनी रिकवरी पिछले साल की तुलना में केवल 0.1% कम होने की उम्मीद है. पिछले साल 10.73 फीसदी के मुकाबले इस साल 10.63 फीसदी रिकवरी की संभवाना है.