Electricity Rate: हरियाणा में बिजली के रेट बढ़े, खेती किसानी के लिए कितनी चुकानी होगी कीमत?

Electricity Rate: हरियाणा में बिजली के रेट बढ़े, खेती किसानी के लिए कितनी चुकानी होगी कीमत?

हरियाणा में बिजली दरों को लेकर फैली गलतफहमियों पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने सफाई दी है. जानिए किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नए टैरिफ में क्या बदलाव हुआ है और किसे मिली राहत.

Controversy over electricity bill in Haryana!Controversy over electricity bill in Haryana!
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 26, 2025,
  • Updated Jun 26, 2025, 6:12 PM IST

हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने बिजली की बढ़ती कीमत को लेकर किसानों की बढ़ती चिंता पर पूरी तरह से विराम लगा दिया है. आपको बता दें कि हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से किसानों को भ्रमित करने के लिए भ्रामक प्रचार किया जा रहा था कि बिजली बिल में 4 गुना तक बढ़ोतरी कर दी गई है. जिसके बाद किसानों की चिंता भी बढ़ती जा रही थी. ऐसे में ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने साफ किया कि किसानों के बिजली बिल में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह ही मात्र 10 पैसे/यूनिट (मीटर्ड) और 15 रुपये/बीएचपी/माह (फ्लैट रेट) के भुगतान के तहत बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है.

कृषि उपभोक्ताओं को मिल रहे दो विकल्प

  • 10 पैसे प्रति यूनिट (मीटर कनेक्शन)
  • 15 रुपये प्रति बीएचपी प्रति माह (फ्लैट रेट)

घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिली राहत

ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली की दरें पहले की तुलना में कम हुई हैं या मामूली बढ़ी हैं. विशेष रूप से:

श्रेणी-I (2 किलोवाट तक के लोड और 100 यूनिट तक खपत) वाले उपभोक्ताओं के बिल में 49% से 75% तक की कमी आई है.

श्रेणी-II (5 किलोवाट तक लोड) के बिलों में केवल 3% से 9% की मामूली वृद्धि हुई है.

श्रेणी-III में 5% से 7% तक की बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन इस वर्ग में केवल 6% उपभोक्ता ही आते हैं.

न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) हुआ खत्म

नई टैरिफ के तहत, हरियाणा सरकार ने सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) को खत्म कर दिया है. इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन्हें जो कम खपत करते हैं.

पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ती बिजली

हरियाणा में बिजली दरें पड़ोसी राज्यों की तुलना में काफी कम हैं:

  • अन्य राज्यों में फिक्स्ड चार्ज 110 से 475 रुपये/किलोवाट तक है, जबकि हरियाणा में यह 0 से 75 रुपये/किलोवाट तक सीमित है.
  • ऊर्जा शुल्क भी हरियाणा में अधिकतम 7.50 रुपये/यूनिट तक है, जबकि अन्य राज्यों में यह 8 से 8.95 रुपये/यूनिट तक पहुंच चुका है.

बिजली बिल का सही मूल्यांकन कैसे करें?

ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि बिजली बिल की तुलना पिछले साल के उसी महीने से करनी चाहिए, जिससे समान खपत का सही अंदाजा लगाया जा सके. गर्मी या ठंड के मौसम में खपत बढ़ना सामान्य है, इसलिए महीने दर महीने तुलना करना भ्रमित कर सकता है.

क्यों हुआ टैरिफ में बदलाव?

गौर करने वाली बात यह है कि हरियाणा में पिछले सात सालों में पहली बार बिजली टैरिफ में संशोधन किया गया है. वर्ष 2017-18 के बाद अब जाकर अप्रैल 2025 से बिजली दरों में बदलाव किया गया है. इसका मुख्य कारण बिजली खरीद और परिचालन लागतों में लगातार हुई बढ़ोतरी है.

इसके बावजूद सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उपभोक्ताओं पर भारी बोझ न पड़े. बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को मध्यम और संतुलित रखा गया है, जिससे राज्य के नागरिकों को स्थिर और सस्ती बिजली मिलती रहे.

किसानों को नहीं देना होगा ज्यादा बिल

हरियाणा के किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. उनके लिए बिजली की दरें पहले जैसी ही हैं. वहीं घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी या तो बिल कम हुए हैं या फिर मामूली बढ़े हैं. राज्य सरकार की कोशिश है कि हरियाणा को सस्ती, निर्बाध और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली सेवा मिलती रहे.

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