राजस्थान में वोटिंग से 10 दिन पहले बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस का घोषणा पत्र आना बाकी है, लेकिन उसने कई दिन पहले ही सात गारंटी देकर जनता के लिए करने वाले काम गिना दिए. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी अपने संकल्प पत्र में कांग्रेस की गारंटियों का जवाब दे पाई है? क्या कांग्रेस अपने आधिकारिक घोषणा पत्र में बीजेपी के संकल्पों का जवाब देगी? इसका जवाब तो कांग्रेस के घोषणा पत्र आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन हम इस एक्सप्लेनर के माध्यम से आपको यह बता रहे हैं कि इस संकल्प पत्र के राजस्थान की राजनीति में क्या मायने हैं और क्या इससे भाजपा राजस्थान की जनता और किसानों को अपने पक्ष में कर लेगी?
इन विधानसभा चुनावों में शुरूआत से ही पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की बड़ी नेता वसुंधरा राजे को साइड लाइन किए जाने की चर्चाएं चल रही हैं. बीजेपी के अंदरखाने से भी ऐसी खबरें जब-तब आती रही हैं. राजे का गुट जैसी संज्ञाओं के साथ मीडिया में भी इन चुनावों की कवरेज हुई है.
ऐसे में संकल्प पत्र में पीएम मोदी से साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, वसुंधरा राजे के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष और तारानगर प्रत्याशी राजेन्द्र राठौड़ की तस्वीर लगाई गई है. संदेश है कि पार्टी में कोई गुट नहीं है. सब साथ हैं. वहीं, इससे यह भी साफ हुआ कि राजस्थान बीजेपी में बिना वसुंधरा के कुछ भी असंभव सा है!
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भाजपा का पूरा संकल्प पत्र कुल 80 पेजों का है. इसमें आपणो अग्रणी राजस्थान संकल्प पत्र 2023 का नाम दिया गया है. राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी, घोषणा पत्र संयोजक अर्जुनराम मेघवाल के संदेश शुरूआती पन्नों पर हैं. इसके बाद विषय सूची लिखी गई हैं. कुल नौ विषयों को संकल्प पत्र में जगह दी गई है. जिसमें पहले नंबर पर किसानों को रखा गया है. किसानों के लिए किए जाने वाले कामों को एक पन्ने पर जगह मिली है. इसके बाद महिला, युवा, हेल्थ, कानून व्यवस्था, पर्यटन, समाज कल्याण, उद्योग और आधारभूत सुविधाओं को जगह दी गई है.
बीजेपी के संकल्प पत्र में किसानों की कुल 8 घोषणाएं हैं. जिनमें से तीन-चार बड़ी घोषणाएं की गई हैं. इसमें ईआरसीपी को पूरा कराने, पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार रुपये करना, गेहूं किसानों को बोनस देकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद करना शामिल हैं. हालांकि पीएम किसान सम्मान निधि को 12 हजार करने के मामले में एक अस्पष्टता है कि केन्द्र की तरफ से अभी जो 6 हजार रुपये आ रहे हैं, राज्य उसमें 6 हजार और जोड़ेगा या पूरे 12 हजार रुपये राज्य की ओर से ही दिए जाएंगे?
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इसके अलावा 20 हजार करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किए जाएंगे. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने 12 मिशन इसी काम के लिए शुरू किए हुए हैं. इस तरह यह घोषणा कुछ नई नहीं लगती. इसी तरह श्री अन्न प्रमोशन एजेंसी खोलने की बात भी बात भी की गई है, लेकिन इसी साल कुछ महीने पहले बाड़मेर में बाजरा अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन उप राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने किया था. राजस्थान में श्रीअन्न के नाम पर बाजरा ही सबसे अधिक पैदा होता है. इसीलिए भाजपा की इस घोषणा में भी कुछ नया नहीं है. हां, बाजरे की एमएसपी पर खरीद बड़ा फैसला है क्योंकि राजस्थान में बीते 12 साल से बाजरा एमएसपी पर नहीं खरीदा गया है.
राजस्थान में बीजेपी ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर गेहूं पर बोनस देकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल का भाव देने की बात कही है. फिलहाल गेहूं पर केन्द्र सरकार ने 2275 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी घोषित की हुई है. इस तरह अगर भाजपा की सरकार राजस्थान में बनती है तो गेहूं किसानों को प्रति क्विंटल 425 रुपये का फायदा बीजेपी देगी.
इसके अलावा बीजेपी ने संकल्प पत्र में ऊंट संरक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है. इस पैसे से ऊंट पालन और संरक्षण किया जाएगा. लेकिन यह योजना राजस्थान में पिछली वसुंधरा सरकार ने 2015 में शुरू की थी. तब एक टोडिया होने पर सहायता दी जाती है. कांग्रेस सरकार ने 2019 में फिर से शुरू किया. इसी साल फरवरी में ऊंट के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने इसके लिए इंटीग्रेटेड वेब पोर्टल का उद्घाटन किया था.
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हालांकि कांग्रेस ने इन चुनावों में पशुपालकों से गोबर खरीदने की जो घोषणा की है, उसकी काट बीजेपी के संकल्प पत्र में दिखाई नहीं दे रही. वहीं, कांग्रेस ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की काट राजस्थान के घोषणा पत्र में की है. राजस्थान में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो यहां उज्ज्वला योजना के तहत 450 रुपये में सिलेंडर दिया जाएगा.