RJD कार्यकर्ताओं ने भैंस की पीठ पर काटा केक... जानें पशुपालन से इसका कनेक्शन

RJD कार्यकर्ताओं ने भैंस की पीठ पर काटा केक... जानें पशुपालन से इसका कनेक्शन

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बुधवार को अपना 27वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर पटना सहित राज्य के कई स्थानों पर कार्यक्रम, समारोह आयोजित किए गए. वैशाली जिला मुख्यालय में स्थापना दिवस मनाने का अनोखा अंदाज देखने को मिला. यहां राजद के एक नेता ने भैंस पर सवार होकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ केक काटा.

राजद कार्यकर्ताओं ने भैंस के पीठ पर काटा केकराजद कार्यकर्ताओं ने भैंस के पीठ पर काटा केक
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 06, 2023,
  • Updated Jul 06, 2023, 7:48 PM IST

बिहार के राजनीति में बुधवार का दिन सुर्खियों में रहा, राजनीतिक गुणा-गणित से इतर राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद के 27वें स्थापना दिवस समारोह का शोर रहा. इन सबके इतर राजद कार्यकर्ताओं के स्थापना दिवस मनाने का स्टाइल भी खूब सुर्खियां में रहा. इन लाइनों को पढ़कर आप ठीक समझ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं उन राजद कार्यकर्ताओं की, जिन्होंने भैंस की पीठ पर केक काटकर RJD का स्थापना दिवस मनाया. बेशक ये राजद कार्यकर्ताओं का अंदाज चुटीला था, जो वायरल होने के साथ ही ट्रोल भी हुआ है. मसलन, इस स्टाइल ने कई लोगों को हंसने का मौका भी दिया, लेक‍िन इसके पीछे राजद और पशुपालन से जुड़ी हुई एक स्टोरी छि‍पी हुई है. आइए जानते हैं कि वो स्टोरी क्या है.

RJD और यादव कनेक्शन

बिहार की सियासत और RJD एक स‍िक्के के दो पहलू की तरह हैं. ब‍िहार की स‍ियासत का केंद्र लालू प्रसाद यादव रहे हैं और एक तरह से लालू का राजनीति‍क नाम ही RJD है. मसलन, देश के समाजव‍ादी नेताओं यानी जनता पार्टी के ब‍िखराव के बाद लालू प्रसाद यादव ने ब‍िहार में अपना राजनीत‍िक दल खड़ा क‍िया, ज‍िसका नाम उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) रखा. तब से लेकर RJD का चेहरा लालू प्रसाद यादव हैं और RJD ब‍िहार के यादव यानी अहीर जात‍ि से संबंध रखने वाले अध‍िकांश जनसंख्या की पार्टी है. असल में ब‍िहार की जनसंख्या में यादवों की संख्या अहम है. एक आंकड़ें के अनुसार सूबे की 16 फीसदी यादव जनसंख्या RJD का कोर वोटबैंक है.

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असल में लालू यादव ने अपने अनूठे अंदाज से कई ऐसे लोक-लुभावन काम किए हैं, जिससे वे पिछड़ों में खासकर यादव समुदाय का मसीहा बनने में सफल रहे हैं. हालांकि, लालू से पहले भी बिहार में कई यादव समुदाय के नेताओं ने सत्ता की कमान संभाली, लेकिन यादव समुदाय के दिल में अपनी जगह नहीं बना सके. लेकिन बिहार के राजनीति में माना जाता है कि यादव और राजद का अपना एक अलग ही कनेक्शन है.

अब, यादव और पशुपालन कनेक्शन

देश मे काफी समय से पशुपालन किया जाता है. वहीं देश में पशुपालकों को जात‍ीय नजर‍िए से देखने की कोश‍िश करें तो पशुपालन यादवों यानी अहीरों का मुख्य पेशा माना जाता है. ये चलन काफी पहले से ही चला आ रहा है. माना जाता है क‍ि भगवान श्री कृष्ण यदुवंशी थे और उनका मुख्य पेशा भी पशुपालन था. ये ट्रेंड आज भी जारी है और देश के कई राज्यों में यादव यानी अहीर समुदाय के लोग आज भी बड़ी संख्या में पशुपालन से जुड़े हुए हैं, ज‍िसमें यादव समुदाय के लोग गाय के साथ ही बड़ी संख्या में भैंस पालते हैं. इसकी एक बानगी लालू यादव के भैंस प्रेम है. मौजूदा समय में ज‍िस तरीके से यूपी के मुख्यमंत्री गायों के साथ द‍िख जाते हैं, कुछ इसी अंदाज में कई पुराने वीड‍ियो में लालू प्रसाद यादव भैंसों के साथ इंटरव्यू देते हुए नजर आ जाएंगे. ऐसे में राजद कार्यकर्ताओं का भैंस की पीठ पर केक काटकर पार्टी का स्थापना द‍िवस मनाने के स्टाइल को समझा जा सकता है. हालांक‍ि उस स्टाइल की क‍ितनी जरूरत थी, पशु क्रूरता के ल‍िए वह क‍ितने ज‍िम्मेदार हैं, पार्टी के कॉडर को संदेश देने में वह क‍ितना सफल रहे और पार्टी काॅडर से क‍ितना वह भावनात्मक तौर पर जुड़ने में सफल रहे, ये बहस का एक अलग व‍िषय है.       

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