फूल तो आपने कई देखे और खरीदे होंगे. लेकिन आज हम एक ऐसे फूल के बारे में बात करेंगे जिसका नाम बहुत खास है. विशेषकर उन लोगों के लिए जो फूलों के शौकीन होते हैं. इस फूल का नाम ग्लेडियोलस है. ग्लेडियोलस एक बहुत ही सुंदर फूल है जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय फूलों में से एक है. यह एक बारहमासी बल्ब नुमा फूल है जिसे ''स्वोर्ड लिली'' भी कहा जाता है. ऐसे में अगर आप घर को सुंदर बनाने के लिए गार्डन ग्लेडियोलस का फूल लगाना चाहते हैं तो राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर इसका कॉर्न यानी पौधा मिल जाएगा. साथ ही ग्लेडियोलस के कॉर्न को खरीदने पर ऑफर भी दिया जा रहा है. आइए जानते हैं क्या है इसे खरीदने पर ऑफर.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन ग्लेडियोलस फूल के पौधे बेच रहा है. साथ ही बीज खरीदने पर एक गिफ्ट हैंपर भी दे रहा है, ऐसे में ग्लेडियोलस फूल के पौधे आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
अगर आप राष्ट्रीय बीज निगम से ग्लेडियोलस के 2 कॉर्न खरीदते हैं तो उस पर आपको एक कॉटन टोट बैग फ्री मिलेगा. आपको बता दें कि ये ऑफर सिर्फ 23 सितंबर तक ही उपलब्ध है. वहीं, ये सामान आपको बाजार की कीमतों से सस्ता मिलेगा. बात करें ग्लेडियोलस के पौधे की कीमत की तो इसके 2 कॉर्न आपको फिलहाल 23 प्रतिशत छूट के साथ 65 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से ग्लेडियोलस को अपने गार्डन में उगा सकते हैं.
ग्लेडियोलस के पौधे को आप कॉर्न यानी डंठल की मदद से उगा सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले जल निकासी वाले गमले में साफ मिट्टी डालें. ध्यान रहे की आप गमले में ऊपर तक मिट्टी ना डालें. ऐसा करने पर पानी के लिए जगह नहीं बच पाएगी. इसके बाद गमले में ग्लेडियोलस के कॉर्न को लगा दें. फिर गमले में पानी डालें जिससे बीज और मिट्टी को नमी मिलेगी. ऐसे आपका फूल कॉर्न के बड़े होने पर आने लगेगा. कॉर्न जितना बड़ा होगा फूल की पत्तियां उतनी ही बड़ी होंगी. वहीं, गमले में केमिकल वाले खाद देने के बजाए ग्लेडियोलस में प्राकृतिक खाद डालें.
इसकी खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. अलग-अलग रूपों और आकारों में रंगों की खूबसूरती के साथ इसके सुंदर स्पाइक्स ने इसे सजावटी कामों में अहम स्थान दिलाया है. इसके कटे हुए फूल अच्छी-खासी कमाई भी होती है. इसका गुलदस्ते, गुच्छों, टोकरियों और इनडोर सजावट में उपयोग किया जाता है.