भारत दुनिया में लगभग 1.87 करोड लाख टन आम (Mango crop) की पैदावार करता है. वहीं देश के भीतर उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है. देश के भीतर आम की एक से बढ़कर एक किस्म में मौजूद हैंं, जिनमें अल्फांसो ,जर्दालु, लंगड़ा, दशहरी और चौसा है. इसके आलावा भी कई किस्में हैं, जिन्हें लोग कम ही जानते हैं.वहीं लखनऊ के मलिहाबाद के रहने वाले पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम से भी आम की एक खास किस्म को विकसित किया है. सचिन तेंदुलकर के नाम से विकसित इस किस्म के आम का आकार काफी बड़ा होता है तो वहीं इसकी गुठली काफी छोटी होती है, जिसके चलते इस आम में गुदा ज्यादा होता है. बात करें स्वाद की तो यह दशहरी, चौसा से कम मीठा होता है. वहीं इस किस्म से आम का उत्पादन भी अच्छा होता है.
पद्मश्री से सम्मानित कलीमुल्लाह खान 1987 से लेकर 2023 तक 300 से ज्यादा आम की नई किस्मों को विकसित कर चुके हैं. उनका दावा है कि जिस तरह हाथ की सभी उंगलियां बराबर नहीं होती हैं, उसी तरह उनके द्वारा विकसित की गई आम की सभी किस्में एक समान नहीं है. उन्होंने 2013 में सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद एक नई किस्म को विकसित किया, जिसको उन्होंने सचिन नाम दिया. उनका मानना है कि सचिन तेंदुलकर के नाम से विकसित की गई है. आम की किस्म उनके चहेतों के लिए यादगार रहेगी. सचिन के नाम से यह किस्म आज खूब चर्चा में है.
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मैंगो मैन के नाम से मशहूर कलीमुल्लाह खान का जन्म 1940 में हुआ है. वह बचपन से ही अपने पिता के सानिध्य में रहकर आम की नई किस्मों के विकसित करने का हुनर सीखा. आम की 300 से ज्यादा नई किस्म को विकसित करने को लेकर 2008 में उन्हें देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया. हालांकि उन्हें ईरान और यूएई में भी बुला कर सम्मानित किया जा चुका है. कलीमुल्लाह खान का दावा है कि वह आम को रेगिस्तान में भी उगा सकते हैं. किसान तक से बात करते हुए कलीमुल्लाह खान ने बताया की 83 साल की उनकी उम्र हो चुकी है. उनका यह प्रयास होगा कि जीते जी वह आम की ऐसी किस्म को विकसित कर सके जो साल में एक बार नहीं बल्कि 3 बार फल देता हो. फिलहाल वो जलवायु परिवर्तन को आम की खेती के लिए खतरा मान रहे हैं. क्योंकि बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से फसल को काफी ज्यादा नुकसान होने लगा है.
पद्मश्री कलीमुल्लाह खान ने किसान तक को बताया कि उन्होंने आम की नई किस्म विकसित करने का हुनर अपने पिता से सीखा है.आम के लिए काम करते हुए उन्हें 60 साल से ज्यादा समय बीत चुका हैं. उन्होंने अपनी नर्सरी में एक से बढ़कर एक आम की किस्म को विकसित किया है. उन्होंने देश की प्रमुख हस्तियों के नाम पर आम की अलग-अलग प्रजातियों को विकसित किया है. उनका कहना है कि आम की इन किस्मों से यह हस्तियां लंबे समय तक याद रखी जाएंगी. वे अपनी नर्सरी में नरेंद्र मोदी, ऐश्वर्या राय, सचिन तेंदुलकर, सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ के नाम पर भी खास किस्मों को विकसित कर चुके हैं.