हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिहाज से लोकप्रिय प्रदेश है. वहीं यहां की पर्यटन नगरी मनाली कौन नहीं आना चाहता है. यहां देश विदेश सभी जगह के सैलानी पूरे साल घूमने के लिए पहुंचते हैं. वादियों में समय बिताते हैं. इसके साथ ही बॉलीवुड कलाकारों का भी मनाली आना जाना लगा रहता है. वे भी यहां आकर सुकून के पल बिताते हैं. उन्हीं में से एक हैं बॉलीवुड के जोरदार एक्टर सनी देओल. जिनके बेटे करण की हाल ही में शादी हुई है. सनी देओल ने बेटे की रिसेप्शन पार्टी मनाली में रखी और गांव वालों को हिमाचल प्रदेश का मुख्य व्यंजन ‘हिमाचल धाम’ खिलाया. दरअसल, बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल का मनाली से खासा लगाव रहा है. यही कारण है कि वह अपना अधिकतर समय मनाली की हसीन वादियों में बिताते हैं. उन्होंने यहां पर एक कॉटेज लीज पर ले रखा है और लॉकडाउन के बाद से ही हमेशा यहां आते रहते हैं.
शुक्रवार को सनी देओल ने अपने बेटे करण देओल की शादी की रिसेप्शन पार्टी मनाली के ही दशाल गांव में आयोजित की.जिसके व्यंजन में दुनिया की सबसे महंगी सब्जी भी परोसी गयी.
सनी ने इस रिसेप्शन पार्टी में दशाल में गांव वासियों को भी विशेष तौर पर न्योता दिया. गांव वासियों और मेहमानों के लिए हिमाचली धाम बनाई गई और सभी लोगों ने इसका स्वाद चखा. हिमाचली धाम में जहां विभिन्न व्यंजनों को परोसा गया, लेकिन हिमाचल में सबसे खास डिश थी गुच्छी का मधरा. यह दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है, जो हिमाचल में पाई जाती है.
हिमाचली धाम बनाने पहुंचे रसोइए (बोटी) नरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल के बेटे की विवाह में हिमाचली धाम बनाने का मौका मिला था. वह इससे पहले भी कई बॉलीवुड अभिनेताओं के लिए हिमाचली धाम बना चुके हैं. वहीं उन्हें सनी देओल के बेटे की रिसेप्शन पार्टी में हिमाचली धाम बनाने का ऑर्डर मिला था, जिसमें गुच्छी का मधरा मुख्य था. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल और उनके साथ आए लोगों ने हिमाचली धाम को खूब पसंद किया.
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गुच्छी का मधरा एक प्रकार का मशरूम है. ये हिमाचल प्रदेश की घाटियों और जंगलों में उगता है और देश की सबसे महंगी सब्जी के तौर पर जाना जाता है. ये सब्ज़ी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर के बर्फीले इलाकों में पाई जाती है. गुच्छी की खेती संभव नहीं है और इसे जंगलों में जाकर ही ढूंढ कर लाना पड़ता है. इसे स्थानीय भाषा में छतरी, टटमोर या डुंघरू कहा जाता है.दरअसल स्थानीय लोगों का मानना है कि ये सब्ज़ी प्राकृतिक तरीके से बिजली की गड़गड़ाहट, जंगल की आग और बर्फ की वजह से उगती है.ऐसा भी कहा जाता है कि जो जंगल आग की वजह से बर्बाद हो जाते हैं, वहां ये सब्ज़ी और अच्छे से उगती है.
गुच्छी मशरूम से कई तरह की डिशेज बनाई जाती है. इसमें आयरन की अधिक मात्रा, विटामिन डी, विटामिन बी और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. वहीं इस सब्जी को खाने से दिल की बीमारियां नहीं होती. गुच्छी मशरूम में मौजूद चमत्कारी गुणों के कारण सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बनी रहती है. यही कारण है कि कुदरती रूप से उगने वाले मशरूम की कीमत 30,000 रुपये किलो है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहाड़ों में उगने वाली गुच्छी की सब्जी के मुरीद हैं. मोदी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह हफ्ते में एक बार गुच्छी की सब्जी जरूर खाते हैं, जो उनकी बेहतर सेहत का राज भी है.