Makhana Farming: मखाने की ये किस्म है भारत में सबसे लोकप्रिय, जानें क्या है नाम और कैसे करें खेती

Makhana Farming: मखाने की ये किस्म है भारत में सबसे लोकप्रिय, जानें क्या है नाम और कैसे करें खेती

बात करें मखाना उत्पादन की तो कृषि मंत्रालय के अनुसार विश्व का लगभग 90 प्रतिशत मखाना उत्पादन अकेले बिहार के मिथिला क्षेत्र में होता है. लेकिन क्या आप मखाने की सबसे लोकप्रिय किस्म के बारे में जानते हैं?

मखाने की सबसे लोकप्रिय किस्ममखाने की सबसे लोकप्रिय किस्म
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Dec 07, 2024,
  • Updated Dec 07, 2024, 8:37 AM IST

मखाने के बारे में तो आप सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं. इसकी पहचान ड्राई फ्रूट्स के रूप में की जाती है. वहीं, कई लोग इन्हें फॉक्स नट या लोटस सीड के नाम से भी जानते हैं. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. वहीं बात करें मखाना उत्पादन की तो कृषि मंत्रालय के अनुसार विश्व का लगभग 90 प्रतिशत मखाना उत्पादन अकेले बिहार के मिथिला क्षेत्र में होता है. लेकिन क्या आप मखाने की सबसे लोकप्रिय किस्म के बारे में जानते हैं? आइए आज हम आपको मखाने की सबसे लोकप्रिय किस्म के बारे में बताएंगें.

मखाने कि सबसे लोकप्रिय किस्म

बात करें मखाने की सबसे लोकप्रिय किस्म की तो इसका नाम काजू मखाना है,  जिसका उत्पादन भारत में सबसे अधिक होता है. वहीं, भारत में सबसे अधिक काजू मखाना का उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार है. यहां के किसान बेहतर क्वालिटी वाले मखाने की खेती करते हैं. आपको बता दें कि इस मखाने की डिमांड पूरे विश्व में है. इस किस्म का उपयोग केक, मिठाई और आइसक्रीम जैसे अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ बनाने के लिए किया जाता है. वहीं, काजू मखाना का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है.

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कैसे की जाती है मखाने की खेती

मखाने की खेती देखने-सुनने में जितनी आसान लगती है. यह उतना ही कठिन है. किसान मखाने की उपज इकट्ठा करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. तब जाकर ये हमारे और आपके पास पहुंच पाता है. मखाने की खेती करने से पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है. इसकी खेती के लिए चिकनी और चिकनी दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है.

जब मखाने के नवजात पौधे का पत्ता प्लेट के जैसा हो जाता है, तो वह उस साइज में रोपाई के लिए उपयुक्त रहता है. मखाने के स्वस्थ और नवजात पौधे की जड़ को मिट्टी के अंदर दबाया जाता है, फिर उसकी कली को पानी के अंदर रखा जाता है. इससे मखाने का नया पौधा तैयार हो जाता है. आगे चलकर कई प्रोसेस से गुजरने के बाद मखाना निकाला और इस्तेमाल किया जाता है.

मखाने के साथ उगाएं ये फसल

समेतिक खेती तकनीक यानी एक साथ कई फसलों की खेती से एक ही तालाब में मखाने के साथ सिंघाड़े की खेती की जा सकती है. ऐसा करने से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होती है. मखाना और सिंघाड़े की खेती करने के लिए यह सलाह दी जाती है कि मखाने के पौधे लगाने से पहले तालाब की घास को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए. साथ ही मखाने की फसल को कतार से कतार में लगानी चाहिए. फिर तालाब में सिंघाड़े की फसल लगानी चाहिए. दरअसल, मखाने की फसलों में दूरी होने से सिंघाड़े की फसल तोड़ने में आसानी होती है क्योंकि सिंघाड़े की फसल की साल में चार बार तुड़ाई की जाती है.

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