सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश फिर बना नंबर वन, चना और तिलहन की खेती में भी अव्वल

सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश फिर बना नंबर वन, चना और तिलहन की खेती में भी अव्वल

सोयाबीन भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है. वहीं, भारत सोयाबीन उत्पादन के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है. लेकिन भारत में सोयाबीन के उत्पादन में मध्य प्रदेश फिर से महाराष्ट्र को पिछे छोड़कर आगे निकल गया है. इसके अलावा ये राज्य दलहन और तिलहन फसलों में भी अव्वल है.

सोयाबीन उत्पादनसोयाबीन उत्पादन
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 24, 2024,
  • Updated Jul 24, 2024, 3:11 PM IST

मध्य प्रदेश के किसानों ने एक बार फिर से सोयाबीन उत्पादन में राज्य को अव्वल बना दिया है. किसानों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि ठीक एक वर्ष बाद प्रदेश को अपना खोया हुआ 'सोया स्टेट' का दर्जा फिर वापस मिल गया है. पिछले साल सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश का पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र आगे निकल गया था. इस कारण मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर आ गया था. दरअसल, पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश एक बार फिर नंबर 1 हो गया है. टाइगर स्टेट के अलावा मध्य प्रदेश देशभर में सोयाबीन राज्य के रूप में भी पहचाना जाता है.

यही नहीं, सोयाबीन के अलावा चना उत्पादन में भी महाराष्ट्र को पीछे करते हुए मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया है. इसके साथ ही प्रदेश ने अपना 'प्रोटीन कैपिटल' का दर्जा बरकरार रखते हुए देश में ज्यादा दलहन उत्पादन वाला राज्य बना हुआ है.

इन फसलों के उत्पादन में MP आगे

मध्य प्रदेश कृषि के क्षेत्र में काफी आगे है. इस राज्य में लगभग सभी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. यहां के किसान दलहन और तिलहन फसलों की खेती मुख्य रूप से करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन फसलों के उत्पादन में मध्य प्रदेश का देश में कौन सा स्थान है. दरअसल, मध्य प्रदेश सोयाबीन और चना उत्पादन में पहले स्थान पर है. वहीं, गेहूं तिलहन, रेपसीड, सरसों उत्पादन में दूसरे तो मक्का के पैदावार में तीसरे स्थान पर है.

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उत्पादन में क्यों पिछड़ गया था MP

पिछले साल मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में दूसरे स्थान पर चला गया था, जिसकी मुख्य वजह रही कभी बारिश तो कभी सूखा. जिसकी वजह से फसल का बहुत नुकसान देखा गया. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सोयाबीन उत्पादन करने वाले एमपी के विदिशा, सीहोर, खरगोन, खंडवा, नर्मदापुरम, इंदौर, धार, रतलाम, उज्जैन, हरदा, बैतूल और मंदसौर जिलों में कभी लंबे समय तक सूखा पड़ जाता है तो कभी कम समय में अत्यधिक बारिश हो जाती है. इसलिए किसानों को इसकी खेती से नुकसान हो रहा है और एरिया घट रहा है.

सोयाबीन के फायदे और इस्तेमाल

सोयाबीन भारत की एक महत्वपूर्ण फसल है. वहीं, भारत सोयाबीन उत्पादन के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है. सोयाबीन को पीला सोना भी कहा जाता है. सोयाबीन का इस्तेमाल कई चीजों में किया जाता है. इससे तेल भी निकाला जाता है. इसके अलावा सोयाबीन से सोया बड़ी, सोया दूध, सोया पनीर आदि खाद्य सामग्री भी बनाई जाती है. इसके अलावा सोयाबीन खाने के कई फायदे भी हैं. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन-ई, विटामिन-बी, थायमिन और अमीनो अम्ल पाया जाता है. इसलिए सोयाबीन को आम लोगों से लेकर जिम करने वाले लोग भी प्रोटीन के सेवन के लिए अपने आहार में शामिल करते हैं.

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