Organic Farming In Jharkhand: झारखंड आने वाले वर्षों में जैविक खेती के लिए एक प्रमुख राज्य बनने की दिशा में काम कर रहा है, यह बात राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शनिवार को कही. उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों को जैविक खेती की सर्वोत्तम पद्धतियों को सीखने के लिए जल्द ही सिक्किम और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भेजा जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि झारखंड में जैविक खेती अभी प्रारंभिक चरण में है. हालांकि, विभाग सक्रिय रूप से किसानों को जैविक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. हमें उम्मीद है कि आने वाले कुछ वर्षों में झारखंड को एक अग्रणी जैविक खेती वाला राज्य माना जाएगा.
वह झारखंड में जैविक खेती के अवसरों और संभावनाओं को लेकर आयोजित एक खरीदार-विक्रेता बैठक को संबोधित कर रही थीं, जिसे राज्य कृषि विभाग और झारखंड जैविक खेती प्राधिकरण (OFAJ) के सहयोग से आयोजित किया गया था. उन्होंने कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से कहा कि जैविक उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है और इसमें मुनाफा भी ज्यादा है, लेकिन वर्तमान में हम जैविक खेती से जुड़े किसानों को उचित बाजार और मूल्य नहीं दे पा रहे हैं. इसी कारण आज हमने खरीदार-विक्रेता बैठक आयोजित की है.
मंत्री ने बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, हैदराबाद और अन्य राज्यों के खरीदारों ने इसमें भाग लिया और उन्होंने झारखंड की जैविक खेती से उगाए गए उत्पादों को जाना. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ खरीदारों ने जैविक फार्मों का दौरा करने में रुचि दिखाई है. वे भविष्य में किसानों के साथ समझौते भी कर सकते हैं. तिर्की ने आगे कहा कि सरकार की मंशा किसानों को बाजार उपलब्ध कराने की है. OFAJ एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार करेगा और बाजार मूल्य में सरकारी हस्तक्षेप को लेकर सुझाव देगा.
बता दें कि झारखंड में बड़ी संख्या में किसान बागवानी फसलों का रुख कर रहे हैं. ये फसलें पारंपरिक फसलों के मुकाबले कम समय में ड़ेढ से दोगुना मुनाफा देने में सक्षम होती हैं. साथ ही इनमें मेहनत और कई फसलों में लागत भी कम आती है. वहीं, अगर इन्हीं फसलों को जैविक तरीके से उगाए जाने पर इनकी कीमत और भी बढ़ जाती है. ऐसे में किसान अपनी आय में अच्छी खासी वृद्धि कर सकते हैं. जमशेदपुर के कई इलाकों में किसान बागवानी फसलों से अच्छी कमाई हासिल कर रहे हैं.