भारत के डेयरी एक्सपोर्ट को बड़ा झटका लगा है. पहले की तुलना में इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. यहां तक कि यह गिरावट पांचवें स्थान पर जाते हुए 468 मिलियन डॉलर (लगभग 3894 करोड़ रुपये) पर आ गई है. चिंता की बात इसलिए है कि निर्यात की खेप में बढ़ोतरी के बावजूद कमाई घटी है. इसकी वजह है स्किम्ड मिल्क पाउडर और अन्य प्रोडक्ट के दामों में आई गिरावट. दाम गिरने से निर्यात से होने वाली कमाई भी गिरी है.
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पिछले साल जहां डेयरी एक्सपोर्ट से 600 मिलियन डॉलर के करीब कमाई हुई थी, वहीं इस साल यह 468 मिलियन डॉलर है. निर्यात की मात्रा की बात करें तो यह पिछले साल से बढ़ी है, लेकिन कमाई घटी है क्योंकि दूध और उसके प्रोडक्ट के दाम में गिरावट आई है. इस साल भारत से 1.73 लाख टन डेयरी प्रोडक्ट का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल यह मात्रा 1.56 लाख टन थी.
निर्यात में गिरावट के कारणों पर बात करते हुए इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि दुनिया के बाजारों में अभी कमॉडिटी के दाम नीचे चल रहे हैं जिसका प्रभाव भारत के निर्यात पर भी देखने को मिला है. इसके अलावा स्किम्ड मिल्क और केसिन के दाम गिरने से भी डेयरी एक्सपोर्ट की कमाई में गिरावट आई है. इस साल स्किम्ड मिल्क के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम रही है क्योंकि बांग्लादेश के दाम से उसका मुकाबला सही नहीं रहा.
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भारत के डेयरी प्रोडक्ट का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका बना हुआ है. अमेरिका के निर्यात किए जाने वाले डेयरी प्रोडक्ट में पिछले साल से 32 परसेंट का उछाल दर्ज किया गया है. दूसरे स्थान पर यूएई है जो भारत से बड़े पैमाने पर डेयरी प्रोडक्ट खरीदता है. यूएई के निर्यात में भी 16 फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है. तीसरे नंबर पर बांग्लादेश आता है जो भारत के डेयरी प्रोडक्ट का बहुत बड़ा खरीदार है. हालांकि इस साल बांग्लादेश की खरीदारी में बड़ी गिरावट देखी गई है. अमेरिका और यूएई जैसे देशों ने जहां भारत से आयात बढ़ाया है, वहीं बांग्लादेश ने खरीदारी कम की है.