देशभर में करोड़ों किसान खेती के लिए कर्ज लेते हैं. वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी हैं, जो प्रतिकूल मौसम परिस्थतियों के कारण होने वाले नुकसान के चलते अपना कर्ज नहीं चुका पाते हैं. इस बीच, बुधवार को हरियाणा विधानसभा में किसानों के कर्ज को लेकर सवाल उठा, जिस पर राज्य के मंत्री ने जानकारी दी. हरियाणा विधानसभा को बताया गया कि राज्य में 27 लाख से अधिक किसानों पर कृषि ऋण की बकाया राशि 60,060 करोड़ रुपये है.
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मामला उठाते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक आदित्य देवी लाल ने पूछा कि क्या वर्तमान में राज्य के किसानों पर कोई कृषि ऋण बकाया है? यदि हां, तो कृपया किसानों की संख्या और जिलेवार ब्यौरा के साथ कुल बकाया राशि की सीमा बताएं.
इसके जवाब में, सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने सदन को जानकारी दी कि 31 दिसंबर, 2024 तक 27,71,676 किसानों पर कृषि लोन की बकाया राशि 60,060 करोड़ रुपये थी. शर्मा ने कहा कि जिलों में सिरसा में 2,07,517 किसानों पर 6,102 करोड़ रुपये बकाया लोन है, जबकि हिसार में 2,68,227 किसानों पर 5,873 करोड़ रुपये बकाया है. हालांकि, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरीकृत जिलों में बकाया राशि क्रमशः 842 करोड़ रुपये और 533 करोड़ रुपये है.
पूरक प्रश्न पूछते हुए लाल ने जानना चाहा कि किसानों को कर्ज से उबारने के लिए सरकार ने पिछले 11 वर्षों में क्या उपाय किए हैं. इनेलो सदस्य ने पूछा कि 27 लाख किसानों में से कितने किसानों को सरकारी नीतियों से लाभ मिला है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन को बताया कि एचएआरसी बैंक और अन्य सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को 1.5 लाख रुपये तक का फसली लोन 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता है, जिसमें से हरियाणा सरकार 4 प्रतिशत और केंद्र 3 प्रतिशत का भुगतान करती है. सैनी ने कहा कि किसान नियमित रूप से बैंकों से लोन लेते रहते हैं और समय पर उसे चुकाते भी हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, हार्वेस्टर, भूमि समतलीकरण और अन्य कृषि उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए वे मध्यम अवधि का लोन लेते हैं, जिसे वे चुकाते हैं. सैनी ने हरियाणा में किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया. 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना के तहत, किसानों को अब धान की जगह वैकल्पिक फसलों की खेती करने पर 8,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जो पहले 7,000 रुपये प्रति एकड़ थी. (पीटीआई)