GST 2.0 से सस्‍ते होंगे मक्खन, कंडेंस्‍ड मिल्‍क, मेवे जैसे खाद्य उत्‍पाद! जानिए क्‍या है सरकार का प्‍लान

GST 2.0 से सस्‍ते होंगे मक्खन, कंडेंस्‍ड मिल्‍क, मेवे जैसे खाद्य उत्‍पाद! जानिए क्‍या है सरकार का प्‍लान

जीएसटी काउंसिल मक्खन, कंडेंस्ड मिल्क, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन पर टैक्स 12% से घटाकर 5% करने पर विचार कर रही है. इससे घर-घर का खर्च घटेगा और आम उपभोक्ताओं व खाद्य उद्योग को बड़ी राहत मिलने की संभावना है.

New GST Reform PossibilityNew GST Reform Possibility
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Aug 28, 2025,
  • Updated Aug 28, 2025, 9:10 AM IST

जीएसटी परिषद कई लोकप्रिय खाद्य पदार्थों पर कर कम करने पर विचार कर रही है, जिससे उपभोक्ताओं को जल्द ही अपने घरेलू खर्चों में राहत मिल सकती है. फिटमेंट समिति ने प्रस्ताव दिया है कि मक्खन, गाढ़ा दूध, जैम, मशरूम, खजूर, मेवे और नमकीन जैसे उत्पादों को मौजूदा 12% जीएसटी स्लैब से हटाकर केवल 5% कर दिया जाए. अगर यह बदलाव लागू होता है तो इससे लाखों परिवारों के लिए कीमतों में सीधे तौर पर कमी आएगी और साथ ही बेकरी, मिठाई की दुकानों और पैकेज्ड फ़ूड निर्माताओं को भी फायदा होगा.

रोजाना उपभोग की चीजें होंगी सस्‍ती

खाना पकाने और मिठाई बनाने के लिए जरूरी मक्खन और गाढ़ा दूध की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आने की संभावना है. लगभग हर भारतीय घर में मिलने वाले जैम और नमकीन भी ज़्यादा किफ़ायती हो जाएंगे. इसी तरह, स्वास्थ्यवर्धक भोजन के रूप में लोकप्र‍िय मशरूम और त्योहारों और रोज़मर्रा के खाने में जरूरी खजूर और मेवे जैसे सूखे मेवे, इस कर-युक्ति से लाभान्वित होंगे.

12 प्रतिशत वाली स्‍लैब हटने के फायदे

परिषद के दस्तावेज़ों के मुताबिक, 12 प्रतिशत वाली स्लैब को हटाने का मुख्य कारण दर संरचना को सरल बनाना है. चार-स्तरीय जीएसटी ढांचे को अनावश्यक रूप से जटिल माना जाता है और 12% स्लैब को हटाने से उपभोक्ताओं और व्यवसायों, दोनों के लिए अधिक स्पष्टता आएगी.

यह भी रेखांकित किया गया कि 18% स्लैब सबसे अधिक राजस्व (लगभग 65%) का योगदान देता है और इसलिए उस दर को बनाए रखते हुए 12% के मध्य स्लैब को कम करना, जो केवल 5% राजस्व का योगदान देता है और जीएसटी कलेक्‍शन को नुकसान पहुंचाए बिना संरचना को अधिक कुशल बनाता है.

3-4 सितंबर होगी जीएसटी परिषद की बैठक

इन परिवर्तनों पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा, जिसकी बैठक 3 और 4 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाली है. अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह कदम जीएसटी 2.0 और अधिक उपभोक्ता-अनुकूल कर व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. (करिश्मा आसूदानी की रिपोर्ट)

MORE NEWS

Read more!