15 अगस्त से शुरू होगी ये बड़ी योजना, 3 लाख रुपये का लाभ उठा सकते हैं किसान

15 अगस्त से शुरू होगी ये बड़ी योजना, 3 लाख रुपये का लाभ उठा सकते हैं किसान

मध्य प्रदेश सरकार 15 अगस्त से राज्य में 'एक बगिया मां के नाम' योजना शुरू करेगी. इस योजना के तहत स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाएं अपनी जमीन पर फलों के पौधों का बगीचा लगा सकेंगी. इस बगीचे को तैयार करने का खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

Ek Bagiya Maa Ke NaamEk Bagiya Maa Ke Naam
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 07, 2025,
  • Updated Jul 07, 2025, 2:14 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने फलों का उत्पादन बढ़ाने और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार 15 अगस्त से राज्य में 'एक बगिया मां के नाम' योजना शुरू करेगी. इस योजना के तहत स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाएं अपनी जमीन पर फलों के पौधों का बगीचा लगा सकेंगी. इस बगीचे को तैयार करने का खर्च राज्य सरकार उठाएगी.

'एक बगिया मां के नाम' योजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर स्व-सहायता समूहों की 30 हजार महिलाओं की 30 हजार एकड़ भूमि पर लगभग 900 करोड़ रूपये की लागत से आजीविका संवर्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधे रोपकर फल-फूल के बगीचे विकसित किये जायेंगे.

महिला के पास इतनी जमीन होनी चाहिए

इस योजना में शामिल महिला आवेदकों के पास आधा एकड़ से एक एकड़ तक जमीन होनी चाहिए. जिन महिलाओं के परिवार में जमीन उनके पिता, पति या ससुर के नाम पर है, वे इस योजना में सहमति पत्र के आधार पर बाग लगा सकेंगी. आधा एकड़ में 50 फलदार पौधे लगाए जाएंगे. गड्ढे खोदने और पौधे खरीदने के लिए राज्य सरकार मनरेगा के जरिए पैसा देगी.

सरकार पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग, सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर की पानी की टंकी, 3 साल तक रखरखाव और जैविक खाद भी उपलब्ध कराएगी. उद्यान निर्माण के लिए 3 साल के भीतर करीब 3 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा.

15 जुलाई तक होगा आवेदन

पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को पात्र हितग्राहियों के चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके लिए 15 जुलाई तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे. महिला हितग्राहियों का चयन 'एक पेड़ मां के नाम' एप के जरिए किया जाएगा. सरकार ने पहले साल में इस योजना में सिर्फ 30 हजार महिलाओं को शामिल करने का फैसला किया है. हर ब्लॉक में 100 महिला हितग्राहियों का चयन किया जाएगा.

सिपरी सॉफ्टवेयर के जरिए भूमि और पौधों का चयन

इस परियोजना में सिपरी सॉफ्टवेयर के जरिए वैज्ञानिक तरीके से भूमि और पौधों का चयन किया जाएगा. ताकि मिट्टी की प्रकृति और जलवायु के हिसाब से सही पौधों का चयन किया जा सके. पौधे कब और किस समय लगाए जाएंगे, पानी के स्रोत की निगरानी भी सिपरी सॉफ्टवेयर के जरिए की जाएगी. हर 25 एकड़ पर एक कृषि सखी नियुक्त की जाएगी, जो चयनित लाभार्थियों की मदद करेगी. इन उद्यानों की निगरानी ड्रोन और सैटेलाइट इमेज से की जाएगी.

15 अगस्त से शुरू होगा अभियान

  • 'एक बगिया मां के नाम' परियोजना के तहत 15 अगस्त से पूरे प्रदेश में फलदार वृक्ष लगाने का कार्य अभियान के रूप में शुरू होगा, जो 15 सितंबर तक चलेगा.
  • फलदार वृक्ष लगाने की इच्छुक महिलाओं का चयन किया जाएगा.
  • इस योजना के तहत आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्यों का चयन किया जाएगा, जो फलदार वृक्ष लगाने की इच्छुक हों.
  • यदि चयनित महिला लाभार्थी के नाम पर भूमि नहीं है, तो उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर वृक्षारोपण किया जाएगा.

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