Economic Survey: कितनी है देश की एग्रीकल्चर ग्रोथ, इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा

Economic Survey: कितनी है देश की एग्रीकल्चर ग्रोथ, इकोनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा

आर्थि‍क सर्वेक्षण के मुताबिक, कृषि क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और वित्त वर्ष 2024-2025 की दूसरी तिमाही में इसने 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की. रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र की स्थिरता का श्रेय उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों को दिया गया है. जानिए सरकार की यह रिपोर्ट क्‍या कहती है…

Agriculture Sector Economic Survey Report Agriculture Sector Economic Survey Report
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 31, 2025,
  • Updated Jan 31, 2025, 3:13 PM IST

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थ‍िक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. इसमें विभि‍न्न सेक्‍टर्स में कहां-कितनी ग्रोथ हुई या कौन-सा क्षेत्र पीछे रहा जैसी जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को लेकर पॉजिटिव खबर आई है, आर्थि‍क सर्वेक्षण के मुताबिक, यह क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और वित्त वर्ष 2024-2025 की दूसरी तिमाही में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई. रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र की स्थिरता का श्रेय उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न सरकारी पहलों को दिया गया है. इस ग्रोथ में बागवानी और पशुपालन क्षेत्र ने बड़ी भू‍मि‍का निभाई है. जानिए सरकार की यह रिपोर्ट क्‍या कहती है…

बागवानी, पशुधन और मत्स्य पालन जैसे उच्च मूल्य वाले क्षेत्र कृषि के समग्र विकास में प्राथमिक योगदानकर्ता के रूप में उभरे हैं. इनमें से मत्स्य पालन क्षेत्र ने वित्त वर्ष 15 से वित्त वर्ष 23 के दौरान (मौजूदा कीमतों पर) 13.67 प्रतिशत की उच्चतम चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) प्रदर्शित की है, इसके बाद पशुधन क्षेत्र ने 12.99 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है.

पिछली चार तिमाह‍ियों के मुकाबले ग्रोथ रेट बढ़ा

3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का प्रदर्शन पिछली चार तिमाहियों की तुलना में सुधार को दर्शा रही है. पिछली चार तिमाहियों के दौरान विकास दर मामूली 0.4 प्रतिशत से 2.0 प्रतिशत तक अलग-अलग दर्ज की गई थी. 

रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छे मॉनसून के चलते 2024 में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 एलएमटी की वृद्धि दर्शाता है. 

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) के तहत, राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) लॉन्च किया गया, जिसपर मात्र चार महीने की छोटी सी अवधि में 16.35 लाख मछली उत्पादकों, श्रमिकों, विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं को रजिस्‍टर किया गया.

10 सालों में कृषि आय में 5.23 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई

पिछले दशक में कृषि आय में वार्षिक 5.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि गैर-कृषि आय में 6.24 प्रतिशत और समग्र अर्थव्यवस्था में 5.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, ज‍बकि‍ फसल क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2013 से वित्त वर्ष 2022 तक 2.1 प्रतिशत की मामूली चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) का दर्ज की है.

तिलहन की धीमी वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत चिंता का विषय है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि भारत घरेलू खाद्य तेल की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारी निर्भरता रखता है.

खरीफ खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 1647.05 LMT

2024-25 के लिए कृषि उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, कुल खरीफ खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 1647.05 लाख मीट्रिक टन (LMT) होने का अनुमान है, जो 2023-24 की तुलना में 5.7 प्रतिशत अधिक है और पिछले पांच वर्षों में औसत खाद्यान्न उत्पादन से 8.2 प्रतिशत अधिक है. अनुमानित वृद्धि मुख्य रूप से चावल, मक्का, मोटे अनाज और तिलहन उत्पादन में वृद्धि के कारण हैं. 2024 में सामान्य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने जलाशयों में जल स्तर में सुधार किया है, जिससे रबी फसल उत्पादन के दौरान सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी सुनिश्चित हुआ है.

छोटे और सीमांत किसानों को लोन की सुविधा मुहैया कराने में सुधार के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण उपाय में कोलैटरल फ्री कृषि ऋण की सीमा को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करना शामिल है.

ओपन मार्केट सेल स्कीम में अनाजों की बिक्री

ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल उतारा गया. भारत ब्रांड के तहत चना दाल, मूंग दाल और मसूर दाल की बिक्री की गई. 21 जून 2024 से 30 सितंबर 2024 तक तुअर और देसी चना पर स्टॉक सीमा लगाई गई. 31 मार्च 2025 तक ‘मुक्त’ व्यवस्था के तहत तुअर और उड़द के आयात की अनुमति दी गई.

31 मार्च 2025 तक देसी चना, तुअर, उड़द और मसूर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई. 20 फरवरी 2025 तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई. प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के तहत कुल 4.7 लाख मीट्रिक टन रबी प्याज की खरीद की गई है. 13 सितंबर 2024 से प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क. सितंबर-दिसंबर 2024 तक 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की सब्सिडी वाली बिक्री. अक्टूबर 2024 में 65 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर की सब्सिडी वाली बिक्री.

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) के अंतर्गत राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) की शुरुआत की गई, जिसके तहत मात्र चार महीने की कम समयावधि में 16.35 लाख मछली उत्पादकों, श्रमिकों, विक्रेताओं और प्रोसेसर्स को सफलतापूर्वक संगठित और पंजीकृत किया गया.

कृषि-खाद्य निर्यात में प्रोसेस्ड खाद्य निर्यात की हिस्सेदारी 2017-18 में 14.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 23.4 प्रतिशत हो गई है. 31 अक्टूबर 2024 तक, 1,079 पीएमकेएसवाई परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. 31 अक्टूबर 2024 तक, इस योजना के तहत 171 आवेदन मंजूर किए गए थे, जिसमें लाभार्थियों ने 8,910 करोड़ रुपये का निवेश किया और प्रोत्साहन के रूप में 1,084.01 करोड़ रुपये प्राप्त किए.

31 अक्टूबर 2024 तक, इस योजना को 407,819 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 108,580 आवेदकों को कुल 8.63 हजार करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 672 मास्टर प्रशिक्षकों, 1,120 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों और 87,477 लाभार्थियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है.

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