Crop Procurement: मध्‍य प्रदेश में गोदामों में बनेंगे खरीद केंद्र, जानिए क्‍या है इसकी वजह

Crop Procurement: मध्‍य प्रदेश में गोदामों में बनेंगे खरीद केंद्र, जानिए क्‍या है इसकी वजह

मध्य प्रदेश में अब गोदामों में ही खरीद केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि परिवहन का खर्च कम किए जा सके. वहीं, राज्य में खरीद प्रक्रिया और केंद्रों पर किए गए बदलावों की भी जानकारी दी गई.

Crop Procurement Madhya PradeshCrop Procurement Madhya Pradesh
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 26, 2025,
  • Updated Aug 26, 2025, 11:59 AM IST

मध्‍य प्रदेश में किसानों से उपज खरीद की प्रक्रिया में कई बदलाव देखने को मिले हैं. इस बीच, अब एक और बड़ा अपडेट सामने आया है. प्रदेश में अब गोदामों में ही खरीद केंद्र बनाकर उपार्जन को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे उपार्जन प्रकिया में लगने वाले परिवहन खर्च में कमी आएगी. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को राज्य स्तरीय कार्यशाला में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया को आसान और किसानों के अनुकूल बनाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं.

गेहूं और धान की दी गई जानकारी

रश्मि अरुण शमी ने जानकारी दी कि पिछले रबी सीजन में सरकार ने करीब 9 लाख किसानों से 77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की और किसानों के खातों में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का डीबीटी के माध्‍यम से भुगतान किया गया. उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार ने गेहूं की खरीद पर 2425 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया गया.

मिलों को खरीद केंद्रों से मिलेगा धान

वहीं, बताया गया कि धान की खरीदी में भी बड़ी संख्या में किसान जुड़े और लगभग साढ़े 6 लाख किसानों से 43.5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई. वहीं, नई व्‍यवस्‍था के तहत अब मिलर्स को सीधे उपार्जन केंद्रों (खरीद केंद्रों) से ही मिल‍िंग के लिए धान दिया जाएगा. पहले के नियम के तहत उन्‍हें गोदामों से ही धान वितरित किया जाता था.

खरीद केंद्र पर दी जा रहीं कई सुविधाएं

कार्यशाला में जानकारी दी गई कि खरीद केंद्रों पर किसानों को रजिस्ट्रेशन से लेकर भुगतान तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. रज‍िस्‍ट्रेश को आधार नंबर से जोड़ा गया है, ताकि प्रक्रिया और पारदर्शी हो. वहीं, पीडीएस दुकानों तक अनाज ले जाने वाले वाहनों की सघन मॉनिटरिंग भी की जा रही है.

प्रदेश सरकार उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्र में बदलने की तैयारी में है. इंदौर में यह काम शुरू भी हो चुका है. दुकानों से अनाज लेने वाले उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी कराई जा रही है. इस प्रक्रिया के बाद अपात्र लोगों को बाहर किया गया है और करीब 5 लाख 70 हजार नए उपभोक्ता जोड़े गए हैं.

वर्कशॉप में ये अफसर थे शामिल

वर्कशॉप में भारत सरकार के वित्तीय सलाहकार संजीव शंकर ने कहा कि खरीदी प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए सभी अधिकारी अपने सुझाव साझा करें. संयुक्त सचिव सी. शिखा ने बिलिंग और सब्सिडी से जुड़ी जानकारी दी और मध्यप्रदेश की गुड प्रैक्टिसेस की तारीफ की.

वहीं, एफसीआई के महाप्रबंधक विशेष गढ़पाले ने प्रोक्योरमेंट सेंटर सेल्फ असेसमेंट प्रोग्राम (पीसीएसएपी) के बारे में बताया. खाद्य आयुक्त कर्मवीर शर्मा ने गेहूं और धान खरीदी के लिए बनाए गए एक्शन प्लान की जानकारी दी. इसके अलावा नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी अनुराग वर्मा ने भंडारण में आ रही दिक्कतें साझा की.

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