Tariff: अमेरिका से सोयाबीन नहीं खरीदेगा चीन, अब कपास पर भारत की बारी

Tariff: अमेरिका से सोयाबीन नहीं खरीदेगा चीन, अब कपास पर भारत की बारी

चीन ने अमेरिका से सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया है. उसने ब्राजील से सोयाबीन का आयात शुरू किया है. इस कदम से अमेरिका और वहां के किसानों को जोर का झटका लगा है. किसानों ने ट्रंप से गुहार लगाई है कि वे टैरिफ के फैसले पर सोचें क्योंकि इसके चलते सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार उनके हाथों से निकल गया है.

Chandra flagged the Trump administration's hypocrisy vis-à-vis India on the issue of Russian oil imports.Chandra flagged the Trump administration's hypocrisy vis-à-vis India on the issue of Russian oil imports.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 23, 2025,
  • Updated Aug 23, 2025, 7:05 AM IST

चीन ने सोयाबीन खरीद के मामले में अमेरिका को ठेंगा दिखा दिया है. चीन ने ट्रंप प्रशासन को बता दिया है कि उसे अमेरिकी सोयाबीन की जरूरत नहीं है. चीन अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार है. लेकिन जब से राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को हथियार बनाया है, तब से चीन में रोष है. इस रोष को चीन सरकार ने व्यापार नीति में दर्शा दिया है. चीन ने साफ कर दिया है कि उसे अमेरिकी सोयाबीन की जरूरत नहीं बल्कि वह अपनी जरूरत ब्राजील से पूरा करेगा. चीन के इस फैसले से अमेरिकी किसानों में खलबली मची है. दूसरी ओर, चीन के इस फैसले के बाद भारत में बहस शुरू हो गई है कि जब ट्रंप ने 50 परसेंट टैरिफ लगाया है, तो भारत को भी अमेरिका से कपास खरीदना बंद कर देना चाहिए. 

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को व्यापार युद्ध बताया जा रहा है. इस युद्ध के बीच ब्रिक्स देशों ने अमेरिका को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई है. इसके लिए ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी आयात घटाकर और अपने बाजारों को कहीं और बढ़ाना शुरू कर दिया है. रूस और चीन ने भारत के सामान का स्वागत किया है, वहीं ब्राजील अब चीन के लिए मुख्य सोयाबीन सप्लायर बन गया है. ब्राजील वही देश है जो भारत और चीन की तरह अमेरिका के हाई टैरिफ की मार झेल रहा है.

चीन ने अमेरिकी सोयाबीन से दूरी बनाई

दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन आयातक चीन हाल के महीनों में अमेरिका से दूर चल गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर के लिए चीन ने एडवांस खरीद में एक भी टन सोयाबीन नहीं खरीदा है. जुलाई में चीन ने अमेरिका से 4,20,873 टन सोयाबीन खरीदा था जो कि पिछले साल की तुलना में 11.47 परसेंट कम है. मौजूदा समय में अमेरिका के सामान पर चीन 20 परसेंट टैरिफ लगाता है.

ब्राजील बन रहा मुख्य सप्लायर

चीन की ब्राजील की ओर झुकाव ने अमेरिकी किसानों को संकट में डाल दिया है. पिछले महीने चीन ने अपने सोयाबीन आयात में सालाना लगभग 19 फीसद वृद्धि की, जिसमें ब्राजील ने 90 परसेंट आपूर्ति की और अमेरिका का हिस्सा केवल 4 परसेंट रहा.

अमेरिका में किसानों की चिंता

अमेरिकी सोयाबीन किसानों ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि "हम अपने सबसे बड़े ग्राहक (चीन) के साथ लंबे व्यापार विवाद में जिंदा नहीं रह सकते." चीन का ब्राजील की ओर झुकाव अमेरिका के किसानों के लिए अरबों डॉलर का नुकसान कर सकता है, क्योंकि बीते साल 2023–24 में चीन ने अमेरिका के सोयाबीन निर्यात का आधा हिस्सा खरीदा था.

चीन का राजनीतिक संकेत

इस बड़ी घटना के पीछे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लुला डा सिल्वा के बीच एक घंटे लंबी कॉल भी रही. शी ने कहा कि चीन "ब्राजील के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा में उसका समर्थन करता है." इसे ट्रंप के लिए अप्रत्यक्ष संदेश माना गया, जिन्होंने पहले ब्राजील पर टैरिफ लगाए थे, जिसके पीछे उनके सहयोगी पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के खिलाफ मुकदमे का हवाला दिया गया था.

चीन के इस कदम से अमेरिकी किसानों पर दबाव बढ़ा है क्योंकि चीन ने अपनी खरीदारी को ब्राजील की ओर मोड़ दिया है और ब्रिक्स देशों ने वैश्विक व्यापार में अमेरिका को चुनौती दी है. इससे भारत पर भी दबाव है कि वह कपास के मामले में अपने किसानों के हित में फैसले ले ताकि अमेरिकी कपास के आयात से मुक्ति मिले और यहां के किसानों को अपनी उपज बिक्री का सही दाम मिल सके. 

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