44 करोड़ की कृषि भूमि के मालिक हैं उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन, खेती से जुड़ा रहा है परिवार

44 करोड़ की कृषि भूमि के मालिक हैं उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन, खेती से जुड़ा रहा है परिवार

सीपी राधाकृष्णन देश के उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. वे 15वें उपराष्ट्रपति बने हैं जिनके परिवार का नाता खेती-बाड़ी से रहा है. राधाकृष्णन के पास करोड़ों की कृषि जमीन है. वे बीजेपी और आरएसएस से लंबे दिनों से जुड़े रहे हैं. वे राज्यपाल और सांसद पद पर भी रह चुके हैं.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 09, 2025,
  • Updated Sep 09, 2025, 8:26 PM IST

राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से गहरे जुड़े चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को मंगलवार को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया है. 67 वर्षीय राधाकृष्णन अपने समृद्ध राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव के साथ राज्यसभा के सभापति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक, सीपी राधाकृष्णन की कुल संपत्ति लगभग 67,11,40,166 रुपये है. इसमें 7,31,07,436 रुपये की चल संपत्ति है जबकि अचल संपत्ति में 44,43,25,040 रुपये की कृषि भूमि है. लंबे दिनों से उनके परिवार का नाता खेती-बाड़ी से रहा है. 

आरएसएस से जुड़े हैं सीपी राधाकृष्णन

20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है. 16 साल की उम्र में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करते हुए, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने. 2004 से 2007 के बीच, राधाकृष्णन तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष रहे. इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की 'रथ यात्रा' की, जो 93 दिनों तक चली. यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों की समस्या से निपटने जैसी उनकी मांगों को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी, जो बीजेपी और आरएसएस के कुछ प्रमुख मुद्दे थे.

सांसद और राज्यपाल का संभाला जिम्मा 

तमिलनाडु के तीसरे उपराष्ट्रपति बने राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में काम किया था और दो बार लोकसभा सांसद रहे हैं. वे कांग्रेस के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्थान पर आए हैं, जिन्होंने 21 जुलाई को इस्तीफा दिया था.

पंजाब के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे राधाकृष्णन आरएसएस से किशोरावस्था में जुड़े और बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे कोंगु वेल्लालार गौंडर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पार्टी में उनका प्रभाव अच्छा खासा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन के चयन पर कहा, "उनके पास सांसद और राज्यपाल के रूप में अमूल्य अनुभव है. उनकी संसदीय भागीदारी सटीक और प्रभावशाली रही है." राधाकृष्णन तमिलनाडु के उन कुछ नेताओं में से हैं, जिन्हें विपक्ष द्वारा चुनौतीपूर्ण राजनीतिक मुद्दों से दूर रखा जाता है. वे दक्षिण भारत के पहले OBC नेता हैं जिन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया गया है.

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