साल 2024 में हुए विधानसभा के बाद ओडिशा में 2 दशक से अधिक मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक की सरकार बदली और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई. अब ओडिशा के बीजू जनता दल के किसान प्रकोष्ठ संयोजक प्रसन्न आचार्य ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों की भाजपा सरकारें किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि 18 अगस्त को ओडिशा के बारगढ़ में किसानों की एक विशाल रैली आयोजित करेगी ताकि किसानों को ये बताया जा सके कि मौजूदा सरकार किस तरह उनका शोषण कर रही है.
आचार्य ने दावा किया कि राज्य की कृषि विकास दर 2023-24 में 7.6 प्रतिशत थी जो कि गिरकर 2024-25 में केवल 3.8 प्रतिशत रह गई है. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान राज्य को मिलने वाली कुल केंद्रीय सहायता में 18.19 प्रतिशत की गिरावट आई है. जहां ओडिशा को कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन 2023-24 में 21,011 करोड़ रुपये से घटाकर 2024-25 में 17,089 करोड़ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि राज्य को 2023-24 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 146 करोड़ रुपये मिले थे, जो 2024-25 में घटकर केवल 32 करोड़ रुपये रह गए हैं.
आचार्य ने यह भी कहा कि राज्य के किसान धान खरीद से जुड़े मुद्दों को लेकर नाराज़ हैं. बीजद उपाध्यक्ष संजय दास बर्मा ने आरोप लगाया कि नए धान खरीद पंजीकरण नियम जिसके तहत कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. किसानों को हतोत्साहित कर रहे हैं और वादा किए गए 800 रुपये प्रति क्विंटल इनपुट सब्सिडी का भुगतान करने से बचने के लिए एक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: Aroma Crops: एसेंशियल ऑयल का बिजनेस बना किसानों के लिए कमाई का नया जरिया
इसके अलावा, पार्टी ने आरोप लगाया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा समय पर धान का उठान न किए जाने के कारण किसान मजबूरी में अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं.
बीजू जनता दल के किसान प्रकोष्ठ संयोजक प्रसन्न आचार्य ने सरकार की नाकामियां गिनाते हुए कहा कि बीजद का 'कृषक समावेश' (किसान सम्मेलन) पूरे राज्य में आयोजित किया जाएगा, और इस तरह का पहला विरोध प्रदर्शन 18 अगस्त को बरगढ़ में होगा.