
आंध्र प्रदेश सरकार खेती को अधिक संगठित और मुनाफेदार बनाने के लिए फसल चक्र की योजना को नए सिरे से लागू करने जा रही है. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कृषि और उद्यानिकी विभाग को निर्देश दिए हैं कि रबी-खरीफ-रबी तीनों मौसमों को जोड़ते हुए एक समग्र फसल कैलेंडर तैयार किया जाए, जिससे बुवाई, कटाई और मार्केटिंग की बेहतर योजना बन सके और किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सके. सचिवालय में अनाज खरीद और कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल कैलेंडर में यह स्पष्ट होना चाहिए कि किस मौसम में कौन-सी फसल किसानों के लिए ज्यादा उपयुक्त और फायदेमंद रहेगी.
उन्होंने जोर दिया कि खेती केवल उत्पादन तक सीमित न रहे, बल्कि बाजार की मांग और कीमतों को ध्यान में रखकर की जाए. नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को फसल चयन, गुणवत्ता सुधार और कटाई के सही समय को लेकर नियमित मार्गदर्शन दिया जाए. उनका कहना था कि समय पर दी गई जानकारी से उपज की गुणवत्ता सुधरेगी और किसानों को बेहतर दाम मिल सकेंगे.
'डेक्कन क्रॉनिकल' की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने और कृषि उत्पादों के लिए घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल कार्गो जैसी लॉजिस्टिक सुविधाओं का प्रभावी उपयोग कर राज्य की कृषि उपज को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया जाना चाहिए. इससे ट्रांसपोर्ट की लागत कम होगी और किसानों को नए बाजार मिलेंगे.
अनाज खरीद को लेकर मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी जिलों में तय समयसीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए. उत्तर आंध्र प्रदेश में बैंक गारंटी से जुड़ी शिकायतों पर उन्होंने नाराजगी जताई और स्पष्ट किया कि किसानों को किसी भी स्तर पर असुविधा नहीं होनी चाहिए. बैठक के दौरान उन्होंने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के संयोजक से बात कर बैंकों को पूरे राज्य में एक समान तरीके से गारंटी जारी करने के निर्देश दिए.
उन्होंने मिलरों को चेतावनी दी कि खरीद प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. आम किसानों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय सीमाओं के बावजूद राज्य सरकार ने 184 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है और आम उत्पादकों को 4 रुपये प्रति किलो अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है, जो अन्य राज्यों में उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने पल्प प्रोसेसिंग इकाइयों को निष्पक्ष व्यवहार करने के निर्देश दिए और चेताया कि किसानों को नुकसान पहुंचाने या सरकार की छवि खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. जिला कलेक्टरों को किसानों की शिकायतें 10 दिनों के भीतर निपटाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कर्नाटक और तमिलनाडु के किसान आम को बाजार के भरोसे बेचने को मजबूर हैं, वहीं आंध्र प्रदेश सरकार अपने किसानों को सक्रिय समर्थन दे रही है. उन्होंने टोटापुरी आम किसानों के लिए मजबूत इकोसिस्टम विकसित करने और राज्य में और अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लाने की बात कही.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जनवरी में उद्यानिकी उत्पादों की प्रदर्शनी आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पहले से ही देश में फलों के उत्पादन में शीर्ष स्थान पर है और अब लक्ष्य इसे वैश्विक स्तर पर फल उत्पादन का केंद्र बनाना है, जिसमें प्रकाशम और रायलसीमा जिलों पर विशेष फोकस किया जाएगा.