ग्रीन एनर्जी की ओर भारत का बड़ा कदम, असम में बांस आधारित इथेनॉल प्लांट शुरू

ग्रीन एनर्जी की ओर भारत का बड़ा कदम, असम में बांस आधारित इथेनॉल प्लांट शुरू

प्रधानमंत्री मोदी ने असम के नुमालीगढ़ में दुनिया की पहली बांस आधारित बायोएथेनॉल रिफाइनरी का उद्घाटन किया, जिससे किसानों और आदिवासियों को मिलेगा लाभ.

असम में पीएम मोदी ने किया उद्घाटनअसम में पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 14, 2025,
  • Updated Sep 14, 2025, 5:53 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नुमालीगढ़ में दुनिया की पहली बांस आधारित बायोएथेनॉल रिफाइनरी का उद्घाटन किया. यह प्लांट न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम है.

यह प्लांट बांस से इथेनॉल बनाएगा, जिससे असम और पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों और आदिवासियों को बड़ा लाभ होगा. असम जैसे राज्यों में बांस बहुतायत में पाया जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को बांस की खेती के लिए सहायता देगी और यह प्लांट हर साल ₹200 करोड़ का बांस खरीदेगा. इससे हजारों लोगों को रोज़गार मिलेगा.

शून्य-वेस्ट प्लांट- हर हिस्से का होगा उपयोग

नुमालीगढ़ की यह बायोरेफाइनरी एक Zero Waste Plant है. इसका मतलब है कि बांस का एक-एक हिस्सा उपयोग में लाया जाएगा. इससे इथेनॉल के अलावा कई अन्य उपयोगी चीजें बनेंगी जैसे:

  • ग्रीन फर्फ्यूरल और ग्रीन एसीटिक एसिड- जो दवाओं और खाने में इस्तेमाल होते हैं
  • फूड ग्रेड CO2
  • बायो-कोल
  • साथ ही, यह प्लांट 25 मेगावॉट की हरित बिजली भी बनाएगा

इथेनॉल- तेल और गैस का विकल्प

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इथेनॉल एक ऐसा ईंधन है जो तेल और गैस का अच्छा विकल्प बन सकता है. उन्होंने बताया कि:

  • 2014 में इथेनॉल ब्लेंडिंग केवल 1.53% थी
  • 2022 में यह 10% हुई
  • 2030 तक 20% का लक्ष्य था, जो 2025 में ही पूरा कर लिया गया
  • यह दिखाता है कि भारत किस तेजी से हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है.

आत्मनिर्भर भारत और विदेशी पैसों की बचत

प्रधानमंत्री ने एक और प्रोजेक्ट की नींव रखी – पॉलीप्रोपाइलीन प्लांट, जिसकी लागत ₹7,000 करोड़ है. इससे:

  • 20% तक पॉलीप्रोपाइलीन आयात में कमी आएगी
  • हर साल USD 85 मिलियन की विदेशी मुद्रा की बचत होगी
  • 75,000 मैन डेज का रोज़गार पैदा होगा
  • यह प्रोजेक्ट भी असम और उत्तर-पूर्व भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा.

भारत की ऊर्जा क्षमता का केंद्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "असम भारत की ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने वाली भूमि है. यहाँ से निकले पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स देश के विकास को तेज करते हैं. हमारी सरकार असम की ताकत को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है."

नुमालीगढ़ में बना यह बायोएथेनॉल प्लांट सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं है, यह किसानों, आदिवासियों, युवाओं और पूरे देश के लिए सतत विकास (Sustainable Development) की ओर एक मजबूत कदम है. इससे न केवल रोज़गार मिलेगा बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी.

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