Agriculutre News: खेती-किसानी के लिहाज से कैसा रहा साल 2025? जानें अब 2026 में क्‍या बड़े बदलाव करेगी सरकार

Agriculutre News: खेती-किसानी के लिहाज से कैसा रहा साल 2025? जानें अब 2026 में क्‍या बड़े बदलाव करेगी सरकार

साल 2025 में भारतीय कृषि क्षेत्र में खाद्यान्न उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. बेहतर मानसून से खरीफ और रबी फसलों को फायदा मिला. हालांकि किसानों की आय, एमएसपी की मांग और निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ का असर अब भी चिंता का विषय बना हुआ है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 30, 2025,
  • Updated Dec 30, 2025, 2:21 PM IST

साल 2025 में भारतीय कृषि क्षेत्र ने उत्पादन के स्तर पर मजबूती दिखाई है और चालू फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड की संभावना जताई जा रही है. बेहतर मॉनसून, खरीफ फसलों के अच्छे प्रदर्शन और रबी बुवाई में बढ़ोतरी से आपूर्ति पक्ष मजबूत हुआ है, हालांकि किसानों की आय और निर्यात से जुड़े मुद्दे अब भी चुनौती बने हुए हैं. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2025-26 फसल वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल के 357.73 मिलियन टन के आंकड़े को पार कर सकता है.

कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि खरीफ उत्पादन सकारात्मक रहा है और रबी फसलों की बुवाई भी संतोषजनक गति से आगे बढ़ रही है. इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य से बेहतर रहा, जिससे खरीफ फसलों को फायदा मिला. मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान में खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 173.33 मिलियन टन रहने का अनुमान है. धान उत्पादन 124.5 मिलियन टन से अधिक और मक्का 28.3 मिलियन टन तक पहुंच सकता है.

रबी सीजन में बढ़ा खेती का रकबा

हालांकि, सितंबर में कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश के कारण फसलों को नुकसान भी हुआ. रबी सीजन में भी खेती का रकबा बढ़ा है. 19 दिसंबर तक रबी फसलों की बुवाई 659.39 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई, जो पिछले साल से अधिक है. गेहूं और दालों की बुवाई में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. उत्पादन बढ़ने के बावजूद कृषि और सहायक क्षेत्रों की वृद्धि दर 2025-26 में करीब 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

नीति आयोग के अनुसार, पिछले साल के ऊंचे आधार के कारण विकास दर में मामूली गिरावट देखी जा रही है. किसानों की आय और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर असंतोष इस साल भी सामने आया. फरवरी में पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किए. उनकी प्रमुख मांगों में स्वामीनाथन फॉर्मूले के अनुसार कानूनी एमएसपी, कर्ज माफी और पेंशन शामिल रही. मार्च में प्रदर्शन समाप्त हुए, लेकिन नीतिगत असहमति बनी रही.

GST राहत और निर्यात पर असर

2025 की बड़ी नीतिगत पहल के रूप में जीएसटी परिषद ने कई कृषि इनपुट्स और उपकरणों पर टैक्स घटाया. ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सिंचाई उपकरण और कुछ जैव कीटनाशकों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया. इससे किसानों की लागत में कमी आई और मशीनरी खरीद आसान हुई. हालांकि, रासायनिक कीटनाशकों पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया.

कृषि उपकरण उद्योग का मानना है कि टैक्स कटौती से किसानों की खरीद क्षमता में सुधार हुआ है. दूसरी ओर, अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी टैरिफ से भारत के कृषि निर्यात पर दबाव पड़ा. झींगा, मसाले, चावल, प्रोसेस्ड फूड और डेयरी उत्पादों के निर्यात पर असर देखा गया. इसके बावजूद भारत ने नए बाजारों की ओर रुख कर स्थिति को संभाला. अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच कृषि निर्यात में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

सीएनएच इंडिया के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर नरिंदर मित्तल ने कहा, "2025 कृषि उपकरण उद्योग के लिए एक सकारात्मक वर्ष रहा है... GST राहत ने किसानों की खरीदने की शक्ति में सुधार करके और मशीनीकृत समाधानों को अधिक किफायती बनाकर मांग को समर्थन दिया है."

सरकारी योजनाएं और आगे की तैयारी

2025-26 के लिए कृषि मंत्रालय का बजट 1.37 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया और डीएपी खाद पर सब्सिडी बढ़ाई गई. नई योजनाओं में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और राष्ट्रीय दलहन मिशन शामिल हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को दी जा चुकी है.

सरकार ने नकली खाद और कीटनाशकों पर सख्ती के संकेत भी दिए हैं. साल के अंत में कृषि क्षेत्र के सामने जलवायु परिवर्तन, छोटे जोत आकार, भंडारण की कमी और किरायेदार किसानों की समस्याएं बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. 2026 में किसानों की नजर बीज विधेयक और कीटनाशक प्रबंधन विधेयक जैसे अहम नीतिगत फैसलों पर टिकी हुई है. (पीटीआई)

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