
कृषि दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. मसलन, कृषि के सहारे दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं नए-नए लक्ष्य हासिल कर रही है, जिसकी एक बानगी कोरोनाकाल में दिखाई दी थी, जिसमें भारत-अमेरिका समेत कई देशों ने अनाज बेच कर ही अपनी-अपनी अर्थव्यवस्था के पहियों को गति दी थी. कृषि सेक्टरों काे ये नई ऊंचाई देने में किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका अहम रही है. कुल मिलाकर कृषि सेक्टर करियर के लिहाज से सुपर हिट है. मसलन, खेती लायक जमीन रखने वाले लोग प्रगतिशील किसान बनकर मुनाफे की खेती कर सकते हैं. तो वहीं कृषि शिक्षा यानी एग्रीकल्चर एजुकेशन लेकर भी करियर को नई ऊंचाई दी जा सकती है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए किसान तक अपनी इस कड़ी में 12वीं के बाद एग्रीकल्चर एजुकेशन में दाखिला के लिए सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की जानकारी दे रहा है. जहां से एग्रीकल्चर एजुकेशन लेकर करियर को नई उड़ान दे सकते हैं. आइए जानते हैं कि देश में कितनी सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज हैं और क्या उनकी विशेषताएं हैं.
देश में एग्रीकल्चर एजुकेशन का संचालन इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी ICAR के बैनर तले होता है. मसलन, ICAR देश की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को रेग्यूलेट करता है, जिसमें सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, डीम्ड एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज और एग्री फैकल्टी वाली यूनवर्सिटीज शामिल हैं. इनमें सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज की बात करें तो देश में 3 हैं, जिनमें नाम सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इंफाल, डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज समस्तीपुर, रानी लक्ष्मी बाई सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी झांसी शामिल है.
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सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इंफाल की बात करें तो इसका गठन 1993 में हुआ है. इसकी ICAR रैकिंग 93 हैं. तो वहीं सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटील इंफाल एग्रीकल्चर एजुकेशन से जुड़े 15 कोर्स का संचालन बैचलर यानी स्नातक स्तर पर करती है. तो वहीं मास्टर यानी पीजी स्तर पर 50 कोर्स और डाक्टरल यानी पीएचडी स्तर पर 27 कोर्स का संचालन मौजूदा समय में सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी इंफाल कर रही है. यूनिवर्सिटी पूर्वोत्तर राज्यों की कृषि अकादमिक रीढ़ है. मसलन, यूनिवर्सिटी अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय की कृषि व्यवस्था को नए अकार देने में महत्वूर्ण भूमिका अदा करती है. यूनिवर्सिटी के अधीन कृषि, बागवानी, मत्स्य, वानिकी, पशु चिकित्सा विज्ञान, कृषि इंजीनियरिंग के अलग-अलग महाविद्यालय काम करते हैं. यूनिवर्सिटी से जुड़ी अधिक जानकारी Website : http://www.cau.ac.in/ से प्राप्त की जा सकती है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी देश की प्रमुख एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है, जो कृषि, बागवानी, पशु चिकित्सा समेत कृषि से जुड़े कई पाठ्यक्रमों का संलान करता है. ये यूनिवर्सिटी 2016 से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के तौर पर काम कर रही है. मौजूदा समय में यूनिवर्सिटी के अधीन छह संकाय, पांच घटक कॉलेज, सात रिसर्च सेंटर और 14 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी के कोर्सो की बात करें तो मौजूदा समय में बेचुलर पर 6 काेर्स, मास्टर लेवल पर 14 और पीएचडी स्तर पर 4 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं. यूनिवर्सिटीज की ICAR रैकिंंग की बात करे तो वह 33 है. यूनिवर्सिटी से जुड़ी अधिक जानकारी https://www.rpcau.ac.in/ पर जाकर प्राप्त की जा सकती है.
रानी लक्ष्मी बाई सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मध्य भारत की प्रमुख एग्री यूनिवर्सिटी है, जो 2014 से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के तौर पर काम कर रही है. यूनिवर्सिटी के कोर्स की बात करें तो रानी लक्ष्मी बाई सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी झांसी बैचलर लेवल पर 3 और मास्टर लेवर पर 8 कोर्सो का संचालन कर रही है. यूनिवर्सिटी से जुड़ी अधिक जानकारी http://www.rlbcau.ac.in पर जाकर प्राप्त की जा सकती है.