Kisan Career: खेती-किसानी में रुचि बनाएगी सरकारी अधिकारी, 12वीं के बाद 40 हजार रुपये फीस में करें ये डिग्री

Kisan Career: खेती-किसानी में रुचि बनाएगी सरकारी अधिकारी, 12वीं के बाद 40 हजार रुपये फीस में करें ये डिग्री

एग्रीकल्चर में युवा 12वीं के बाद ग्रेजुएशन कर सकते हैं, जिसके बाद उनके पास कई विभागों में सरकारी अधिकारी बनने के रास्ते खुल जाते हैं. 12वीं के बाद युवा B.Sc एग्रीकल्चर या B.tech एग्रीकल्चर कर सकते हैं. चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर और सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के प्रोफेसर ने बताईं कोर्स से जुड़ी जरूरी जानकारियां.

युवा 12वीं के बाद एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन कर सकते हैं.युवा 12वीं के बाद एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन कर सकते हैं.
रिजवान नूर खान
  • New Delhi,
  • Jun 22, 2024,
  • Updated Jun 22, 2024, 1:44 PM IST

खेती-किसानी को और बेहतर करने के साथ ही इसे इसको मुनाफे का सौदा बनाने के लिए बीते वर्षों से काफी तेजी से काम हो रहा है. खासकर कृषि क्षेत्र में पढ़ाई और ट्रेनिंग को लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है. देश में कई एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और कॉलेज तेजी से खुले हैं. यही वजह है कि कृषि के क्षेत्र में युवाओं को कैरियर बनाने के लिए काफी अवसर मिलने लगे हैं. अगर आपकी रुचि खेती-किसानी में है तो 12वीं के बाद एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन करना सरकारी अधिकारी बना सकता है. जबकि, आगे एग्रीकल्चर में मास्टर्स, पीएचडी और रिसर्च  के रास्ते भी खुले हैं. एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन करने के लिए औसत फीस 23 हजार रुपये से 40 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर है. 

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के कुल सचिव डॉक्टर रामजी सिंह ने किसान तक को बताया कि एग्रीकल्चर में युवा 12वीं के बाद ग्रेजुएशन कर सकते हैं, जिसके बाद उनके पास कई विभागों में सरकारी अधिकारी बनने के रास्ते खुल जाते हैं. उन्होंने बताया कि 12वीं के बाद युवा B.Sc एग्रीकल्चर या B.tech एग्रीकल्चर कर सकते हैं. यह स्नातक कोर्स हैं. उन्होंने कहा कि उनके विश्वविद्यालय के अलावा कई दूसरे कृषि विश्वविद्यालय यह कोर्स संचालित कर रहे हैं. 

एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन के बाद नौकरी के अवसर 

डॉक्टर रामजी सिंह ने कहा कि इन कोर्स की पढ़ाई के बाद प्रदेश स्तर पर राज्य सरकार के उद्यानिक, खाद्य संस्करण विभाग, गन्ना विभाग, पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग, मंडी विभागों में सरकारी नौकरी हासिल कर सकते हैं. इन सभी विभागों में तकनीकी सहायक, वरिष्ठ तकनीकी सहायक, उपसंभागी कृषि अधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी के पद पर हर साल भर्तियां होती हैं. उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए सिर्फ और सिर्फ एग्रीकल्चर से ग्रेजुएट युवाओं से आवेदन मांगे जाते हैं. 

  1. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वन विभाग है, मत्स्य विभाग और खाद्य विभाग में भी अधिकारी बना जा सकता है. एग्रीकल्चर की पढ़ाई के जरिए युवा खाद्य सुरक्षा अधिकारी, पादप सुरक्षा अधिकारी भी बन सकते हैं. इसके अलावा एग्रीकल्चर से पोस्ट ग्रेजुएट या पीएचडी करने वाले युवाओं को भी इन पदों पर नौकरियां मिलती हैं. जबकि, केंद्र सरकार का कृषि मंत्रालय पादप संरक्षण विभाग में तकनीकी सहायक से लेकर और पादप संरक्षण और सहायक निदेशक अधिकारी तक की नौकरियों के लिए युवाओं को मौका देता है.
  2. इसके अलावा राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कृषि विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में कृषि के विषयों को पढ़ाने के लिए सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर बन सकते हैं. जिन बच्चों का रुझान UPSC की तरफ होता है वे सिविल सर्विसेज के लिए भी एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन करने के बाद तैयारी कर सकते हैं. उन्हें फॉरेस्ट सर्विसेज, इकनॉमिक सर्विसेज, फॉरेन सर्विसेज में IAS बनकर नियुक्त हो सकते हैं. प्रदेश स्तर पर UPPSC से PCS में भी चयनित होकर अधिकारी बन सकते हैं. 

बीएससी एग्रीकल्चर हॉनर्स की फीस 

चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture) कानपुर के डॉक्टर सीएल मौर्य ने बताया कि सीएसए में बीएससी एग्रीकल्चर हॉनर्स कोर्स की अवधि 4 साल की है. इस कोर्स में प्रवेश के लिए यूनिवर्सिटी के कानपुर कैंपस में या फिर लखीमपुर खीरी कैंपस में प्रवेश लिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की पढ़ाई 8 सेमेस्टर में होती है. पहले सेमेस्टर में फीस 40,000 रुपये है. पूरे कोर्स की कुल फीस लगभग 3.20 लाख रुपये होती है. 

  1. दूसरे कृषि विश्वविद्यालयों और निजी कृषि कॉलेजों में बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की औसत फीस 23,000 रुपये से 1,50,000 रुपये के बीच है.
  2. प्रवेश तिथि- जुलाई 2024 सत्र के लिए इच्छुक छात्र 30 जून तक प्रवेश ले सकते हैं. 

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