इस बार का मॉनसून तीन मायनों में खास है. पहला, इसकी बारिश सामान्य से अधिक रहेगी जिससे सूखे की टेंशन खत्म होगी. दूसरा, इसने समय से पहले दस्तक दी है. लिहाजा, खेत की गर्मी से लेकर इंसानों की तपिश, सबको राहत मिलेगी. तीसरा, इस बार का मॉनसून कृषि उत्पादन के लिहाज से बहुत अच्छा साबित होने वाला है, जैसा कि जानकार बता रहे हैं. अगर इसकी रफ्तार अनुमान के मुताबिक बनी रही तो कृषि क्षेत्र को 3.5 फीसद ग्रोथ हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता. ये सभी तीन वजहें हैं जिनसे देश के लोगों का मॉनसून पर और भी अधिक भरोसा बढ़ गया है.
एक्सपर्ट बताते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार का मॉनसून धान की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. मॉनसून के अलावा प्री-मॉनसून से भी धान किसानों को बहुत खुशी मिली है क्योंकि बारिश ने उनकी फसल को फायदा पहुंचाया है. सरकार ने भी इसके बारे में बताया है कि इस बार हम धान और गेहूं का रिकॉर्डतोड़ उत्पादन लेने जा रहे हैं. यही नहीं, भारत इस बार चावल उत्पादन के मामले में चीन को भी पछाड़ने जा रहा है. इस सबके पीछे मॉनसून जिम्मेदार है.
धान के अलावा, दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों को भी इस मॉनसून से बहुत फायदा होगा. अच्छी बात ये भी है कि इस बार मॉनसून का फैलाव देश के हर हिस्से में बराबर रहने की संभावना है जिससे बारिश की मात्रा भी एक समान रह सकती है. इससे किसानों की वह आशंका दूर होगी जिसमें कहीं बारिश, कहीं सूखा तो कही बाढ़ की नौबत रहती है. एक्सपर्ट्स ने भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी से अपील की है कि उसे अत्यधिक बारिश या लंबे सूखे की अवधि को लेकर भी अपडेट देना चाहिए जिससे किसान आगाह हो सकें.
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अच्छे मॉनसून की उम्मीद में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी बड़ी बात कही है. रिजर्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सामान्य से अधिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून देश में महंगाई को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. ऐसा देखा भी गया है कि जिस साल मॉनसून की अच्छी बारिश होती है, उस साल खाद्य महंगाई दर काबू में रहती है और लोगों को खाने-पीने की महंगाई से राहत मिलती है. इसी तरह, अच्छा मॉनसून कृषि वृद्धि दर को बढ़ाने में मदद करता है जैसा कि इस बार 3.5 फीसद का अनुमान है.
मॉनसून की स्थिति की बात करें तो दक्षिण पश्चिम मॉनसून आज 29 मई 2025 को छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ और हिस्सों, उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी हिस्सों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और पूरे सिक्किम में आगे बढ़ गया है. इससे पहले मॉनसून ने हफ्ते पहले ही केरल सहित कई राज्यों में अपनी दस्तक दे दी है. इसमें कर्नाटक, गोवा और उत्तर पूर्व के राज्य हैं. दूसरी ओर, प्री-मॉनसून की बारिश भी खेती को फायदा पहुंचा रही है. हालांकि कहीं-कहीं बेमौसम बारिश से किसानों को झटका भी लग रहा है.
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