पराली के बदले गोवंश खाद योजना से किसानों को हो रहा फायदा, बढ़ रही खेत की ताकत

पराली के बदले गोवंश खाद योजना से किसानों को हो रहा फायदा, बढ़ रही खेत की ताकत

उत्‍तर प्रदेश सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए 'पराली के बदले गोवंश खाद' योजना चला रही है. इस योजना में बड़ी संख्‍या में किसान लाभ उठा रहे हैं. इस बार प्रदेश मेें 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को इसके बदले 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद बांटी गई.

UP Parali Khad Exchange SchemeUP Parali Khad Exchange Scheme
क‍िसान तक
  • Lucknow,
  • Jan 04, 2025,
  • Updated Jan 04, 2025, 2:40 PM IST

उत्‍तर प्रदेश सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में बेतहाशा कमी आई है. योगी सरकार ने किसानों के हित में अनूठी पहल शुरू की है, जिसमें पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 'पराली के बदले गोवंश खाद' योजना चलाई जा रही है. यह अभियान प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इससे खेतों की ऊर्वरा शक्ति भी बढ़ रही है.

जैव‍िक खेती में हो रहा खाद का इस्‍तेमाल

प्रदेश में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे वायु प्रदूषण गंभीर रूप से प्रभावित होता है. इसे रोकने के लिए योगी सरकार ने 28 अक्टूबर से 'पराली के बदले गोवंश खाद' अभियान चलाया. अभियान के दौरान प्रदेश में 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को इसके बदले 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद बांटी गई. इस खाद का इस्‍तेमाल जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है. 

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योजना के तहत इन जिलों में हुआ अच्‍छा काम

अभियान के तहत प्रदेश के कई जनपदों ने उत्कृष्ट काम किया. इनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं. इन जनपदों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली जमा की और खाद का लाभ लिया. अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंश खाद वितरण से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है. गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे पशुपालन विभाग की सक्रियता और प्रभावी कार्यशैली भी उजागर होती है.

जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा

यूपी सरकार की यह पहल सिर्फ अस्थायी समाधान नहीं है, बल्कि पारदर्शी सोच को दर्शाता है. इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घटेगी, यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. यह योजना न सिर्फ पराली जलाने की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर रही है, बल्कि किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है. यूपी सरकार की इस पहल से प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.

अभियान से हो रहे ये फायदे

पराली जलाने से रोकथाम - किसान पराली जलाने की बजाय उसे सरकार को सौंपकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं.

जैविक खाद प्राप्ति - गोवंश खाद के रूप में किसानों को प्राकृतिक खाद प्राप्त हो रही है, जो रासायनिक खादों के उपयोग को कम कर रही है और भूमि की गुणवत्ता सुधार रही है.

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