
उत्तर प्रदेश के जनपद अमेठी में कांग्रेस पार्टी के नेता और शिक्षक स्नातक के एमएलसी लखनऊ खंड के प्रत्याशी डॉ देवमणि तिवारी के विद्यालय में कृषि विभाग की तरफ से बड़ी कार्रवाई की गई है. इस विद्यालय में अवैध तरीके से नकली कीटनाशक दवा और डीएपी खाद सहित सैकड़ों की संख्या में डीएपी खाद की बोरी बरामद की गई है. वहीं इस पूरे मामले में कृषि विभाग के अधिकारी कीटनाशक दवाओं को सीज कर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की है.
पूरा मामला जनपद अमेठी के अमेठी थाना क्षेत्र के मंगलपुर गांव में स्थित प्रमोद आलोक इंटर कालेज का है, जहां पर कई महीनों से नकली कीटनाशक दवाओं और खाद का कारोबार फल फूल रहा था. इस विद्यालय के अंदर फसलों में कीट मारने के उपयोग करने के लिए रिजेंट अल्ट्रा नाम से अवैध कीटनाशक दवा बनाकर पैकिंग कर दवा को मार्केट में सप्लाई किया जाता था, जिसके बाद रिजेंट कंपनी के एजेंट द्वारा कृषि अधिकारी से शिकायत की गई थी.
मंगलवार को कृषि विभाग की टीम ने एक आदमी को बड़ी मात्रा में दवा की खरीदारी के लिए भेजा. जैसे ही वहां मौजूद कर्मचारी दवा दिखा रहे थे, इतने में कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और एक मजदूर सहित 430 पैकेट कीटनाशक दवा, डीएपी खाद और सैकड़ों की संख्या में खाद की खाली बोरी बरामद की गई.
जिला कृषि अधिकारी राजेश कुमार यादव ने बताया कि आज हम लोग विद्यालय में शिकायत पर पहुंचे. यहां पर कीट नाशक दवाएं और डीएपी खाद और डीएपी की खाली बोरी और पैकिंग मशीन बरामद की गई है. इसके साथ दवाओं को सीज कर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. इसके आलावा दवाओं का सैंपल भी लेकर लैब भेजा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए साफ कर दिया है कि किसानों के हितों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उर्वरकों की उपलब्धता, कीमत और बिक्री व्यवस्था में गड़बड़ी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी.
जबरन टैगिंग, ओवर प्राइसिंग और कालाबाजारी को पूरी तरह गैरकानूनी बताते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि शिकायत मिलने पर संबंधित कंपनी, थोक और खुदरा विक्रेता पर एफआईआर के साथ लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई होगी. मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन इलाकों में अनियमितताएं सामने आई हैं, वहां तुरंत जांच कर उर्वरक बिक्री रोकी जाए, स्टॉक सील किया जाए और साप्ताहिक निगरानी सुनिश्चित की जाए.
(अभिषेक कुमार त्रिपाठी की रिपेार्ट)