गर्मी का मौसम आने वाला है. इस मौसम में सभी लोग ठंडी तासीर वाले फलों को बड़े चाव से खाते हैं. खास कर उन फलों की डिमांड काफी ज्यादा रहती है जो रसदार होते हैं. ऐसा ही एक फल तरबूज है जिसकी इस सीजन में खेती काफी फायदेमंद मानी जाती है. तरबूज अपने मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसमें 90 प्रतिशत से अधिक पानी की मात्रा पाई जाती है. तरबूज की खेती जायद के सीजन में की जाती है. किसान इसे नकदी फसल के तौर पर उगाते हैं. गर्मियों के मौसम में तरबूज की मांग बाजारों में काफी बढ़ जाती है. ऐसे में अगर आप भी तरबूज की खेती करना चाहते हैं और उसका बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से तरबूज की अर्का मानिक किस्म का बीज ऑनलाइन अपने घर मंगवा सकते हैं.
किसान मौजूदा समय में नकदी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इसलिए किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन तरबूज की अर्का मानिक किस्म के बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
अर्का मानिक तरबूज की एक खास किस्म है. इस किस्म की बुवाई करने पर किसान को औसत तरबूज का वजन 5 किलो तक मिल सकता है. इस किस्म के तरबूज की भंडारण और परिवहन क्षमता काफी अच्छी मानी जाती है. यह किस्म चूर्णी आसिता, मृदुरोमिल आसिता और एन्थ्रेकनोज रोग के प्रतिरोधी है. इस किस्म की खेती से किसानों को औसतन 60 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन मिल सकता है. वहीं, ये किस्म बुवाई के लगभग 100 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है.
अगर आप भी तरबूज की खेती करना चाहते हैं तो इसके बीज उपलब्ध हैं. आपको इसके 10 ग्राम बीज का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ मात्र 56 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से तरबूज की खेती कर सकते हैं. बता दें कि किसानों को तरबूज के तीन पैकेट खरीदने पर वाइट टी-शर्ट फ्री मिलेगा. ये ऑफर 11 मार्च यानी कल तक उपलब्ध है.
तरबूज की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. वहीं, खेती करने से पहले खेतों की तैयारी मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. फिर मिट्टी में गोबर की खाद को अच्छी तरह मिला दें. इसके अलावा अगर रेत की मात्रा अधिक है, तो ऊपरी सतह को हटाकर नीचे की मिट्टी में खाद मिलाना चाहिए. इसके बाद बीज की बुवाई करनी चाहिए.