New Seed Bill 2025: केंद्र ने नए बीज कानून का ड्राफ्ट किया जारी, किसानों और जनता से मांगे सुझाव

New Seed Bill 2025: केंद्र ने नए बीज कानून का ड्राफ्ट किया जारी, किसानों और जनता से मांगे सुझाव

कृषि मंत्रालय ने ड्राफ्ट सीड्स बिल 2025 जारी कर 11 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं. यह बिल सीड्स एक्ट 1966 की जगह लेगा और बीज गुणवत्ता नियंत्रण, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले सस्ते बीज, नकली बीजों पर रोक व नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

Union Agri Minister Shivraj Singh Chouhan New Seed Bill Draft ReleasedUnion Agri Minister Shivraj Singh Chouhan New Seed Bill Draft Released
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 13, 2025,
  • Updated Nov 13, 2025, 6:39 PM IST

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने आज नए बीज कानून का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया है. मंत्रालय ने सभी हितधारकों से 11 दिसंबर तक सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. यह नया कानून सीड्स एक्ट, 1966 और सीड्स (कंट्रोल) ऑर्डर, 1983 की जगह लेगा. मंत्रालय के अनुसार, इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य बीज क्षेत्र के नियमन को वर्तमान कृषि और बाजार की जरूरतों के अनुरूप बनाना है.

क्‍या है नए बीज कानून का उद्येश्‍य 

ड्राफ्ट बिल के प्रमुख उद्देश्यों में बीज की गुणवत्ता पर नियंत्रण, किसानों को सुलभ दरों पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना, नकली और घटिया बीजों पर रोक लगाना, नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बीज आयात को उदार बनाना और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है.

छोटे नियम उल्‍लंघन पर राहत 

बिल में छोटे उल्लंघनों को अपराधमुक्त (डी-क्रिमिनलाइज) करने का प्रस्ताव है, ताकि नियमों के अनुपालन का बोझ कम हो सके, वहीं गंभीर उल्लंघनों पर कड़ी सजा का प्रावधान बरकरार रखा गया है. यह कदम सरकार की “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” पहल के अनुरूप बताया गया है.

यहां मिलेगा फीडबैक फॉर्म

मंत्रालय ने बताया कि ड्राफ्ट बिल और फीडबैक फॉर्मेट उसकी आधिकारिक वेबसाइट https://agriwelfare.gov.in पर उपलब्ध हैं. इच्छुक व्यक्ति अपने सुझाव jsseeds-agri@gov.in पर वर्ड या पीडीएफ फॉर्मेट में भेज सकते हैं.

कृषि मंत्री ने नया बीज कानून लाने की कही थी बात

मालूम हो कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में संकेत दिया था कि मंत्रालय इस नए बीज विधेयक को संसद के बजट सत्र में पेश करेगा. मंत्रालय के अंतर्गत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कहा है कि अंतिम विधेयक को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए हितधारकों की भागीदारी बेहद जरूरी है.

खाद की कालाबाजारी पर देशभर में एक्‍शन

इधर, केंद्र सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा और देश में उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वर्ष 2025-26 की खरीफ और चल रही रबी सीजन के दौरान व्यापक अभियान चलाया. उर्वरक विभाग (DoF) और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) ने राज्यों के साथ मिलकर ब्‍लैक मार्केटि‍ंग, जमाखोरी और उर्वरक की अवैध निकासी या गलत दिशा में आपूर्ति पर सख्त कार्रवाई की. 

जिला प्रशासन ने अब तक 3,17,054 निरीक्षण और छापेमारी की हैं, जिनमें 5,119 शो कॉज नोटिस जारी किए गए, 3,645 लाइसेंस रद्द या निलंबित किए गए और 418 एफआईआर दर्ज की गईं. जमाखोरी के खिलाफ 667 नोटिस, 202 लाइसेंस रद्दीकरण और 37 एफआईआर, जबकि उर्वरक विचलन रोकने के लिए 2,991 नोटिस, 451 लाइसेंस निलंबन और 92 एफआईआर दर्ज की गईं.

उत्तर प्रदेश ने इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 28,273 निरीक्षण, 1,957 नोटिस, 2,730 लाइसेंस रद्द/निलंबन और 157 एफआईआर कीं. महाराष्ट्र ने 42,566 निरीक्षण और 1,000 से अधिक लाइसेंस रद्दीकरण, राजस्थान ने 11,253 निरीक्षण, और बिहार ने लगभग 14,000 निरीक्षण किए. इन सख्त कार्रवाइयों से पूरे देश में कृत्रिम कमी और मूल्य हेरफेर को रोका जा सका और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराया गया. 

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