केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों पर कीटनाशक बनाने वाली कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. राजस्थान की कंपनी HPM केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. HPM कंपनी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान में था और देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई का काम करती थी. अभी हाल में इस कंपनी का हर्बिसाइड नकली पाया गया था जिसके बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस कंपनी की दवा जिस खेत में छिड़की गई थी, उस खेत में पूरी सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई थी. कृषि मंत्री ने खेत का दौरा करने के बाद कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
जांच में सैंपल घटिया पाए जाने के बाद HPM कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. किसानों की शिकायत के बाद राजस्थान सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है. कंपनी के कीटनाशक से मध्य प्रदेश के कई जिलों में किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हुई थी. विदिशा स्थित खेत में खराब फसल का खुद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने जायजा लिया था. कंपनी के सभी कीटनाशक उत्पादों के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.
हाल के कुछ दिनों से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को नकली कीटनाशक की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद उन्होंने बीते रविवार को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के चिराखेड़ा गांव में फसलों का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान सोयाबीन के खेतों का जब शिवराज निरीक्षण करने पहुंचे तो किसानों ने बताया कि एक विशेष खरपतवारनाशक के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो गईं.
कृषि मंत्री ने खेतों में पाया कि किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह जल गई और सोयाबीन की जगह खरपतवार उग आए हैं. किसानों ने आरोप में बताया था कि यह नुकसान रासायनिक दवा के इस्तेमाल के कारण हुआ है. इसके बाद कृषि मंत्री ने कार्रवाई का आदेश दिया.
कृषि मंत्री ने इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश राजस्थान सरकार को दिया था क्योंकि कंपनी वहीं रजिस्टर्ड है. कृषि मंत्री के निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई और कंपनी का लाइसेंस निलंबित करने के लिए केंद्र के कृषि विभाग ने राज्य सरकार से कहा. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने संदेश भी जारी करते हुए किसान कॉल सेंटर से माध्यम से किसान भाई-बहन अपनी शिकायतें टोल फ्री नंबर 18001801551 पर रजिस्टर करा सकते हैं.
इस मामले को लेकर दिल्ली में कृषि मंत्री की एक बैठक भी हुई जिसमें आईसीएआर के वैज्ञानिक और कृषि मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी भी शामिल हुए, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को विस्तार से जानकारी देने के साथ ही अपने सुझाव भी दिए. बैठक में कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इसी बैठक में कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.